-बवाल के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस का गिरफ्तारी अभियान तेज

-देर रात अभियान में चमनगंज, फजलगंज, सीसामऊ व नौबस्ता से 33 गिरफ्तार

-गिरफ्तारी के विरोध में व्यापारियों ने दुकाने बंद कीं, महिलाओं ने थाना घेरा

KANPUR: शहर को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलसाने वालों की धरपकड़ पुलिस ने शुरू कर दी है। पहले दिन पुलिस ने 31 लोगों को उपद्रव के आरोप में गिरफ्तार किया। सबसे ज्यादा 22 गिरफ्तारियां चमनगंज थाने में हुई। जिसमें दोनों समुदायों से लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद फजलगंज से 7 और सीसामऊ से 2 लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। वहीं गिरफ्तारी का विरोध भी शुरू हो गया है। विरोध के चलते पुलिस को दो आरोपियों को थाने से ही छोड़ा भी पड़ा। वहीं लोगों ने गिरफ्तारी के तरीके पर भी सवाल उठाए। जरीबचौकी के पास हीरागंज में तो व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दीं और गिरफ्तारी का विरोध करने लगे। उधर चमनगंज थाने का भी महिलाओं ने घेराव किया और पुलिस की कार्रवाई पर कई तरह के गंभीर आरोप भी लगाए।

घर में तोड़फोड़, अभद्रता का आरोप

चमनगंज में सोमवार देर रात चले धरपकड़ अभियान के दौरान 22 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। पुलिस इन्हें डिप्टी का पड़ाव, चमनगंज और भन्नानापुरवा से गिरफ्तार करने का दावा कर रही है। वहीं मंगलवार दोपहर को जिन घरों से पुलिस ने लोगों को गिरफ्तार किया, वहां की महिलाएं चमनगंज थाने का घेराव करने पहुंच गई। इस दौरान गिरफ्तार किए गए मो.सईद मिस्त्री के घर से आई महिलाओं ने पुलिस पर तोड़फोड़ करने और उनके साथ अभद्रता का आरोप लगाए। वहीं महिलाओं के दबाव में पुलिस को 60 साल के वकील अख्तर को छोड़ना पड़ा। पुलिस उन्हें रात को थाने उठा लाई थी।

चमनगंज से ये हुए गिरफ्तार

मो.जीशान, मो.फरजान, मो.आफाक, मो.नसीम, सुनील, रोशनलाल, गुड्डू उर्फ महेश, आशीष विश्वकर्मा, मनोज, सुधीर, मो। लईक, मो। सईद, रामचंद्र, सरोज, श्यामलाल, लखन, दिनेश, यशवंत सोनकर, अभिषेक वर्मा, आशीष गुप्ता, ज्ञानेंद्र विश्वकर्मा

कोई आपराधिक इतिहास नहीं

चमनगंज एसओ रमाशंकर पांडेय ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 22 लोगों में से किसी का भी आपराधिक इतिहास नहीं है। मालूम हो कि चमनगंज क्षेत्र के भन्नानापुरवा में बवाल के दौरान ही भीड़ की तरफ से हुई फायरिंग में दो इंस्पेक्टरों को गोली लगी थी। यहां हुए बवाल को भी डीएम सुनियोजित ही बता रहे थे। ऐसे में जो गिरफ्तारियां हुई उसमें से किसी के भी आपराधिक पृष्ठभूमि के नहीं होने पर भी सवाल उठ रहे हैं।

हीरागंज में बंद की दुकानें

सीसामऊ थाने में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर चले गिरफ्तारी अभियान के विरोध में मंगलवार को हीरागंज के व्यापारियों ने दुकानें नहीं खोलीं। प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने बुझाने पर 12 बजे के बाद दुकानें खुल सकी। हालांकि यहां से सिर्फ दो लोगों को ही उपद्रव के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वहीं एक युवक अमन वर्मा को पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद छाेड़ दिया।

हम क्यों करेंगे उपद्रव

हीरागंज में रहने वाली कुसुम तिवारी के बेटे दीपू तिवारी को भी पुलिस ने सांप्रदायिक हिंसा के आरोप में हिरासत में लिया था। इस पर उसकी मां कुसुम तिवारी का कहना है कि वह कई सालों से एक मुस्लिम परिवार के घर में किराए पर रहते हैं। जिन लोगों से आसरा मिला उन लोगों के खिलाफ हम उपद्रव क्यों करेंगे।

Posted By: Inextlive