कम उम्र में दिखने लगे हैं अल्जाइमर के लक्ष्ण

स्वास्थ्य विभाग की ओर से निकाली जनजागरुकता रैली

4 से 5 अल्जाइमर के मरीज करीब हफ्ते भर में जिला अस्पताल की मानसिक ओपीडी में पहुंचते हैं।

30 से 50 अल्जाइमर के मरीज करीब हफ्ते भर में मेडिकल कॉलेज की मानसिक ओपीडी में पहुंचते हैं।

35 से 40 साल की उम्र के लोगों में दिखने लगे हैं अल्जाइमर के लक्षण।

60 से 85 आयु वर्ग के बुजुर्ग इससे सबसे ज्यादा पीडि़त हैं।

अगर फैमिली हिस्ट्री हो तो अल्जाइमर होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।

अल्जाइमर महिलाओं को अधिक होता है।

लंबे समय तक स्लीपिंग डिसॉर्डर होने पर ये बीमारी हो सकती है।

Meerut। अल्जाइमर को बुजुर्गो की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब इसके सिम्पटम्स अरली ऐज वाले लोगों में भी दिखने लगे हैं। 35 से 40 साल के लोगों के बीच अल्जाइमर ने दबे पांव अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। न्यूरोसर्जन के मुताबिक इसकी सबसे बड़ी वजह हाइपरटेंशन हैं। इस बीमारी के प्रति लोग जागरुक हो इसलिए 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर डे मनाया जाता है।

क्या है अल्जाइमर

अल्जाइमर न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी हैं। जिसमें दिमाग की कोशिकाओं का नुकसान होता है और याददाश्त बेहद कमजोर हो जाती है। व्यक्ति को कुछ भी याद नहीं रहता है। ये डिमेंशिया का ही एक रूप है। यह समस्या मुख्य तौर पर बुजुर्ग लोगों में देखी जाती है।

स्वास्थ्य विभाग ने निकाली रैली

विश्व अल्जाइमर्स डे के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनजागरूकता रैली निकाली गई। जिसमें एनसीसी कैडेट्स की ओर से लोगों को डिमेंशिया और अल्जाइमर के प्रति जागरूक किया गया। इस दौरान कार्यवाहक सीएमओ डॉ। एसके शर्मा, एसीएमओ डॉ। पूजा शर्मा, डॉ। एसएस चौधरी आदि शामिल हुए।

इस बीमारी में मरीज को कुछ भी याद नहीं रहता है। अब कम उम्र के लोगों में भी अल्जाइमर के लक्षण दिखने लगे हैं।

डॉ। तरूण पाल, साइकेट्रिस्ट, मेडिकल कॉलेज

इस बीमारी में व्यक्ति को सबसे ज्यादा प्यार और केयर की जरूरत होती है। दवाइयों से इसे सिर्फ एक हद तक मैनेज किया जा सकता है।

डॉ। विभा नागर, क्लीनिकल साइक्लोजिस्ट, जिला अस्पताल

Posted By: Inextlive