- रेलवे स्टेशन की चहल-पहल में घुलने लगा जहर

- एक घंटे में सप्लाई देकर कारोबारी हो जाते फरार

GORAKHPUR: शहर में आधी रात को स्मैक की तलब रेलवे स्टेशन रोड पर पूरी हो सकती है। स्टेशन रोड पर कारोबारी आधी रात को पुडि़या बेचकर फरार हो जाते हैं। रात में चलने वाले सफेद पाउडर के काले कारोबार को पुलिस ने नहीं रोका तो स्टेशन रोड की चहल-पहल का सुकून छीन जाएगा। शुक्रवार रात रेलवे बस स्टेशन रोड पर कारोबारी धड़ल्ले से सौ-सौ रुपए में पुडि़या बेचता रहा। पेट्रोलिंग में निकली पुलिस के सायरन-हूटर को अनसुना करके कारोबारी आराम से अपने बिजनेस में मशगूल रहा। स्टेशन रोड के दुकानदारों का कहना है कि करीब एक घंटे तक कारोबार होता है। अंधेरे में खड़े कारोबारी एक घंटे के भीतर स्मैक सहित अन्य नशे की चीजें बेच रफूचक्कर हो जाते हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की गोपनीय जांच कराकर कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आधी रात सजता पुडि़या का बाजार
शुक्रवार रात करीब साढ़े 11 बजे थे। बस स्टेशन रोड पर पुराना कोल्ड स्टोरेज के पास झोपड़ी के नीचे सफेद टोपी लगाए युवक कहीं से आकर खड़ा हुआ। उसके पास झोला था जिसमें कुछ सफेद पुडि़या निकालकर उसने दाहिने हाथ में सहेज लिया। फिर वहीं पर झोपड़ी में गुनगुनाता हुआ अपने ग्राहकों की राह देखता रहा। युवक के खड़े होने के थोड़ी देर बाद ही बाइक सवार, कार सवार, पैदल, रिक्शा और साइकिल से ग्राहक पहुंचने लगे। पल भर के लिए लोग ब्रेक लगाकर युवक के पास पहुंचते। पुडि़या लेकर झटपट रवाना हो जाते। करीब 45 मिनट तक युवक अपने कारोबार को अंजाम देता रहा। अंधेरे की तरफ नेचुरल कॉल करने गए लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। लेकिन स्मैक के कारोबारियों को पकड़ने के लिए पुलिस हरकत में नहीं आई। लोगों ने बताया कि यहां रोजाना इसी तरह से घंटे भर का कारोबार आधी रात को चलता है। उन पर लगाम कसने के लिए कोई कार्रवाई नहीं होती है।

कहां से आते, कहां हो जाते गायब
रेलवे स्टेशन रोड पर धीरे-धीरे स्मैक के कारोबारियों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। रात में चाय पीने के बहाने निकले युवक, कारोबारी और तमाम अन्य लोग स्टेशन पर बिकने वाली पुडि़या खरीदते हैं। सौ रुपए से लेकर वजन हिसाब से पुडि़या का रेट शुरू होता है। स्मैक के साथ-साथ नेपाल की चरस और गांजा की बिक्री होने की बात सामने आई है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पड़ताल में पता लगा कि कुछ कारोबारी नेपाल की तरफ से आने वाली रोडवेज की बसों से आते हैं। यहां पुडि़या बेचकर चले जाते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि शहर में बिकने वाली पुडि़या खरीदकर यहां बेची जाती है। राजघाट और शाहपुर एरिया में स्मैक का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है।

शहर से लेकर देहात तक फैला कारोबार
पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि पूर्व में राजघाट एरिया में अमरूदमंडी, बर्फखाना सहित कुछ जगहों पर स्मैक का कारोबार धड़ल्ले से होता था। लेकिन धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ता चला गया। गुलरिहा, शाहपुर, गोरखनाथ, तिवारीपुर सहित कई क्षेत्रों में दायरा बढ़ता चला गया। 10 जुलाई को गुलरिहा एरिया के साईधाम मोहल्ले में तीन स्मैक कारोबारी पकड़े गए। उनके पास से 35 हजार की पुडि़या मिली थी। इस मामले में पुलिस ने सेमरा नंबर एक, साईधाम कॉलोनी के किशन चौहान, लक्ष्मण चौहान और हरसेवकपुर के मनोहर चौहान को पकड़ा था। जबकि राजघाट और शाहपुर में धंधेबाजों को पुलिस कई बार अरेस्ट कर चुकी है। लेकिन इस कारोबार पर शिकंजा नहीं कस सका।

 

कब-कब हुई स्मैक कारोबारियों की गिरफ्तारी

10 नवंबर 2018: गोरखपुर से सेवहरी जा रही स्मैक की करीब एक करोड़ की खेप हाटा, कुशीनगर में पकड़ी गई।

10 जुलाई 2018: गुलरिहा एरिया के सेमरा नंबर एक, साईधाम में तीन लोगों को स्मैक बेचने में पुलिस ने पकड़ा।

20 दिसंबर 2017: गोरखनाथ एरिया के धर्मशाला बाजार में पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान 50 पुडि़या स्मैक संग युवक को अरेस्ट किया।

25 जुलाई 2017: शाहपुर के खरैया पोखरा में रहने वाले स्मैक की महिला कारोबारी पंडिताइन के घर छापेमारी करके पुलिस ने 550 ग्राम स्मैक, 93 हजार नकदी बरामद किया।

 

वर्जन

इस संबंध में कोई सूचना नहीं थी। पुलिस टीम लगाकर सुरागकसी कराई जाएगी। कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। अगर इस मामले में किसी की मिलीभगत सामने आई तो उस पर भी एक्शन लिया जाएगा।

- विनय कुमार सिंह, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive