फूड विभाग ने मिलावटखोरों के खिलाफ शुरू की चैकिंग ड्राइव

मिलावट की शिकायत के लिए विभाग ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर

Meerut. होली नजदीक आ चुकी है. रंग, गुलाल, पिचकारी के साथ ही खाने-पीने के बाजारों में भी खूब रौनक दिखने लगी है. पापड़, कचरी, मिठाई, दूध, खोया, नमकीन सभी चीजों की बढ़ती मांग को देखते हुए मिलावटखोर भी सक्रिय हो गए हैं. मिलावट होली की खुशियों में रंग में भंग न कर दें इसे देखते हुए फूड विभाग की टीमें भी एक्टिव हो गई हैं. टीमें अलग-अलग जगहें से सैंपल लेकर मिलावट की जांच कर रही हैं. वहीं फूड विभाग ने आमजन से भी इस संबंध में सचेत रहने के लिए अपील की है.

एडवाइजरी भी जारी

विभाग की ओर से चल ही चेकिंग ड्राइव में सैंपल की जांच के साथ ही फूड विभाग मिलावट के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रही हैं. इसके तहत टीम की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है. जिसके तहत लोग खुद भी मिलावट की जांच कर सकते हैं.

ऐसे करें जांच..

मिठाई को चख कर भी उसके बासी होने या क्वालिटी का अंदाजा लगाया जा सकता है.

नकली केसर पानी में डालने के बाद रंग छोड़ने लगता है. असली केसर को पानी में घंटों रख देने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता.

रबड़ी, पनीर और छेना और इससे बनी मिठाइयां व दूध में टिंक्चर आयोडीन की कुछ बूंदे डालें. अगर रंग काला, नीला या बैंगनी हुआ तो मिलावटी है.

मावे को अंगुली पर रगड़ें, असली होगा तो चिपकेगा नहीं.

एडिबिल ऑयल- हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को मिलाकर हिलाएं. पांच मिनट बाद लाल रंग दिखे तो मिलावट है.

बेसन, सूजी और मैदा- हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाने पर लाल या गुलाबी रंग आता है तो मिलावट है.

सेहत के लिए हानिकारक

मिलावटी चीजें सेहत के लिए बहुत हानिकारक हैं. इनका सीधा प्रभाव पेट, लीवर और हार्ट पर पड़ता हैं. कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. उमंग मित्थल बताते हैं कि मिलावटी चीजें खाने से कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. इसके अलावा पेट दर्द, सिर दर्द, शरीर टूटना, बुखार आना, हृदय पर प्रभाव और सांस संबंधित बीमारियां भी हो सकती हैं.

ऐसे करें शिकायत..

उपभोक्ता मिलावट होने पर एफएसडीए की हेल्पलाइन नंबर 1800 1805533 पर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक संपर्क कर सकते हैं.

इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति नमूनों की जांच करवाना चाहता है तो सीधे विभाग में शिकायत दर्ज करवा सकता है.

इसके अलावा अगर कोई भी मिलावट की सूचना 9411471076 नंबर पर कॉल करके भी दे सकता है.

फेस्टिवल सीजन आते ही मिठाइयों व अन्य खाद्य पदार्थो की मांग अधिक हो जाती है, जिसकी वजह से मिलावट का बाजार भी बढ़ जाता है. इनकी रोकथाम के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा हैं वहीं लोगों से भी अपील हैं कि वह देखकर ही सामान खरीदें. हमने खुद भी एडवाइजरी जारी की है.

अर्चना धीरान, डीओ, फूड विभाग

Posted By: Lekhchand Singh