आई एक्सक्लूसिव

- चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में बंदियों का डाटा होगा ऑनलाइन

- कारागार में आने वाले हर बंदियों का होगा रिकॉर्ड

- बंदियों के फिंगर प्रिंट और बॉडी के निशान किए जाएंगे एनआईसी की इस वेबसाइट पर अपलोड

- कहां-कहां बंदी के खिलाफ कितने मुकदमें सबका होगा डाटा

- बंदियों द्वारा दी जाने वाली झूठी जानकारी पर भी लगेगी लगाम

Meerut: चौधरी चरण सिंह जिला कारगार में बंद सभी बंदियों का डाटा अब ऑनलाइन तैयार होने जा रहा है। ई-प्रिंजन व्यवस्था कारागार में लागू की गई है, जिसमें यूजर आईडी और पासवर्ड का उपयोग करने के बाद जेल में बंद बंदियों की एक क्लिक पर आसानी से प्राप्त हो जाएगी। इस व्यवस्था के लागू होने से दूसरे स्टेट में बैठे अधिकारी भी बदमाशों का डाटा आसानी से एक स्थान पर बैठकर देख सकते हैं। इसके साथ-साथ बदमाश अब अपनी पहचान भी नहीं छिपा सकते हैं। ई प्रिजन में जो भी बंदी जेल में एंट्री करेगा उसके फिंगर प्रिंट और पहचान चिन्ह एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। ताकि भविष्य में दोबारा जेल में एंट्री करें तो उसकी पहचान हो सके।

स्क्रीन पर उपलब्ध हो जाएगा डाटा

कोई बंदी अपराध करने के बाद अपना नाम, पता गलत बताकर पहचान छिपाने की कोशिश करता है, तो ई प्रिजन सिस्टम का साफ्टवेयर उसके अंगूठे के निशान को पकड़कर उसके यूआईडी की जानकारी स्क्रीन पर उपलब्ध करा देगा, इससे बंदी की चालाकी पर पानी फिर जाएगा। किस-किस जिले में कितने मुकदमें बंदी के खिलाफ कायम हैं। इसका पूरा रिकॉर्ड भी मिलेगा। कुछ महीने पहले ही बागपत का कुख्यात बदमाश अमित भूरा गैंग का एक बदमाश ग्रेटर नोएडा में पिस्टल के साथ गिरफ्तार हुआ था, करीब दो माह बाद पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी कुख्यात गैंग का बदमाश है। उस पर बागपत पुलिस ने पांच हजार रुपये का ईनाम घोषित किया हुआ है। ई प्रिजन से पुलिस को जांच करने में भी सहयोग मिलेगा। जिला कारागार के अधिकारियों ने बताया कि कारागार में आने वाले बंदी अपनी पहचान बदलकर पुलिस व कारागार प्रशासन को धोखा नहीं दे पाएंगे। पूरे प्रदेश की जेलों में ई प्रिजन व्यवस्था लागू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में डाटा ऑनलाइन करने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है।

क्या है ई-प्रिजन

ई-प्रिजन एक साफ्टवेयर से तैयार किया गया है। इसके जरिए जेल में बंद बंदियों का डाटा जो अभी तक मैनुअली होता था, अब ऑनलाइन हो जाएगा। इसमें बंदी का नाम, पता, शरीर पर पहचान चिन्ह, फिंगर प्रिंट का डाटा एनआईसी के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा। इसके जरिए अन्य कारागार के अधिकारी बंदी के बारे में ऑनलाइन जानकारी ले सकेंगे। कौन-कौन संबंधित कारागार में अधिकारी हैं इसकी भी जानकारी ई-प्रिजन के माध्यम से मिल जाएगी।

इन्होंने कहा

अब ई-प्रिंजन से सब बंदियों का डाटा ऑनलाइन हो जाएगा। किस बंदी के खिलाफ कितने मुकदमें कहां-कहां कायम हैं, इसकी भी जानकारी वेबसाइट पर आसानी से मिल सकेगी। अभी तक जिन बंदी के बारे में डाटा दूसरे स्टेट के अधिकारी या फिर लखनऊ में बैठे अपने स्टेट के अधिकारी मांगते थे, अब वह भी ऑनलाइन देख सकते है।

एस.एच.एम रिजवी

जेल सुप्रीटेंडेंट

चौधरी चरण सिंह जिला कारागार

मेरठ।

Posted By: Inextlive