दून घाटी बनी लावारिश लाशों को ठिकाने लगाने का अड्डा
-हर दिन कहीं न कहीं मिल जाती है एक अनाथ लाश
-साल दर साल दून में बढ़ रही है लावारिश लाशों की संख्या -लावारिश लाशों की बढ़ती संख्या पुलिस के लिए बनी समस्या mukesh.bhatt@inext.co.inDEHRADUN : कैपिटल सिटी में वैसे तो पिछले दिनों हर तरह के क्राइम का ग्राफ बढ़ा है, लेकिन क्राइम का एक हिस्सा ऐसा भी है, जिसकी तरफ न तो दून पुलिस और नहीं आला अधिकारियों का ही ध्यान जा रहा है। यह है लावारिश लाशों का खेल। आए दिन जिले के किसी न किसी हिस्से में एक लाश अपनी शिनाख्त ढूंढती मिल रही है, यानि इस लाश का कोई नहीं होता। ये होती है अनाथ लाश, जिनकी संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में तमाम सवाल पैदा हो रहे हैं कि आखिर क्या वजह है जो लावारिश लाशों की संख्या बढ़ रही है। क्या लोग मरने दून पहुंच रहे हैं या फिर दून की वादियों में लाशों को ठिकाने लगाया जा रहा है, बहरहाल यह जांच का विषय है।
ष्टड्डह्यद्ग 1 7 अक्टूबर को प्रेमनगर एरिया में एक व्यक्ति की लाश मिली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शिनाख्त के प्रयास किए, लेकिन कोई भी उसे पहचान न सका। आखिरकार शव को दून अस्पताल की मॉर्चरी भेज दिया गया। ष्टड्डह्यद्ग 29 सितंबर को ऋषिकेश स्थित गंगा नदी में एक महिला का शव बरामद किया गया। पुलिस ने उसके शिनाख्त करवाने के प्रयास किए, लेकिन शिनाख्त न हो सकी। आखिरकार उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
ष्टड्डह्यद्ग 3 क्9 अगस्त को राजा रोड सहसपुर में अज्ञात युवक का लहूलुहान शव मिलने से सनसनी फैल गई। चेहरे पर घाव के गहरे निशान थे। पुलिस ने पहचान करवाने के प्रयास किए, लेकिन कोशिश नाकाम रही। ष्टड्डह्यद्ग 4 क्7 अगस्त को हरिद्वार से एक व्यक्ति को गंभीर हालत में दून अस्पताल में दाखिल कराया गया। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। बिना पहचान के इस व्यक्ति का पुलिस ने अंतिम संस्कार किया। ष्टड्डह्यद्ग 5 ख्भ् फरवरी को डोईवाला में सड़क किनारे एक व्यक्ति की लाश मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस ने उसकी पहचान हेतु शव को 7ख् घंटे तक दून अस्पताल की मॉर्चरी में सुरक्षित रखा। लेकिन उसकी पहचान न हो सकी। ------------- पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज लावारिश लाशेंवर्ष पुरुष महिला शिनाख्त
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