- महिला अस्पताल में सिर्फ चार डॉक्टर कर रही मेडिको लीगल

- कोर्ट में गवाही के लिए भी जाना पड़ता है, सीएमएस ने मांगे डॉक्टर

बरेली : डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में मेडिको लीगल केस करने के चलते महिलाओं के प्रसव प्रभावित हो रहे हैं। इमरजेंसी में अव्यवस्था का माहौल बन रहा है। डॉक्टर गर्भवती को ठीक से देख नहीं पा रहे। वहीं, कोर्ट में गवाही पर नहीं जाने के कारण उन्हें जुर्माना भी चुकाना पड़ रहा है। डॉक्टर की परेशानी देखते हुए सीएमएस ने सीएमओ से मेडिको लीगल करने के लिए डॉक्टर देने की मांग की है।

पूरे डिस्ट्रिक्ट से आते हैं केस

डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में पूरे डिस्ट्रिक्ट से दुष्कर्म, उम्र के सत्यापन, मारपीट समेत अन्य मामले पुलिस लेकर आती है। उनकी मेडिकल जांच डॉक्टरों को करनी होती है। मामले कानूनी होने के चलते संबंधित डॉक्टर को कोर्ट में गवाही देने भी जाना पड़ता है। हॉस्पिटल में डॉक्टर्स के 16 पद हैं, लेकिन तैनात सिर्फ 10 डॉक्टर्स ही हैं। इनमें से चार डॉक्टरों को मेडिको लीगल करने की जिम्मेदारी दी गई है। अस्पताल में मेडिको लीगल के मामले आने पर इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ही जांच करती हैं। इसके लिए अक्सर उन्हें इमरजेंसी में आने वाली महिलाओं को छोड़कर मेडिको लीगल के लिए जाना पड़ता है। इतना ही नहीं सुबह के समय ही डॉक्टर को कोर्ट में गवाही देने भी जाना पड़ता है। इससे डॉक्टर स्थिर नहीं हो पाती। महिलाओं के इलाज में असर पड़ता है। मामले का हल निकालने के लिए सीएमएस डॉ। अलका शर्मा ने सीएमओ से मेडिको लीगल करने के लिए डॉक्टर देने की मांग की है।

Posted By: Inextlive