PATNA: नाबालिग से रेप के सनसनीखेज मामले में डिटरजेंट ने साक्ष्य को धुल दिया है। जांच के लिए भेजे गए म् नमूनों में एफएसएल को एक भी स्पर्म नहीं मिला है। रिपोर्ट चौंकाने वाली है क्योंकि इसमें डिटरजेंट की महक आने की बात कही गई है। विधायक राजबल्लभ से जुड़े इस हाई प्रोफाइल मामले में आशंका है कि नमूनों को जांच के लिए भेजने से पहले ही साक्ष्य को नष्ट कर दिया गया होगा। एफएसएल ने अपनी जांच रिपोर्ट नालंदा महिला थाना और नालंदा कोर्ट को क्फ् अप्रैल को ही उपलब्ध करा दी है।

- अब कैसे सामने आएगी सच्चाई

पुलिस ने राजबल्लभ यादव पर दुष्कर्म का आरोप साबित करने के लिए फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) को छह नमूना भेजा था। इसमें पीडि़ता के अंत:वस्त्र शामिल नहीं थे, जबकि विधायक के घर (घटनास्थल) के उस कमरे की बिस्तर, तकिया, चादर के अलावा पीडि़ता के सलवार, समीज और दुपट्टा शामिल था। पुलिस को उम्मीद थी कि इसमें घटना का पूरा साक्ष्य उसे एफएसएल जांच से मिल जाएगा।

- साक्ष्य मिटाने की है आशंका

एफएसएल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 'जिन छह कपड़ों की जांच की गई है, उसमें 'स्पर्म' के निशान तो नहीं मिले, पर सभी कपड़ों में डिटर्जेंट की महक जरूर पाई गई है'। एफएसएल की यह टिप्पणी साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की ओर स्पष्ट इशारा कर रही है।

- जांच के लिए समर्थकों ने किया था विरोध

मामले की फॉरेंसिक जांच में लगी एफएसएल की टीम को विधायक के घर से साक्ष्य एकत्रित करने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। विधायक के समर्थकों ने टीम का विरोध करने के साथ पत्थरबाजी भी की थी। पुलिस के साथ जाने के बाद भी टीम को चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। विरोध के बाद पुलिस और फोरेंसिक टीम ने दो-तीन दिन बाद पूरी तैयारी के साथ विधायक के घर पर धावा बोला था और उस कमरे से साक्ष्य एकत्रित किया जहां घटना हुई।

Posted By: Inextlive