-अपने अपने बीआरसी में किया धरना प्रदर्शन और कार्य का बहिष्कार

-आंदोलन को तेज करने का किया है फैसला

Meerut सोमवार को समायोजन के रद्द करने के मामले को लेकर शिक्षामित्रों ने जिले की सभी बीआरसी पर कार्य बहिष्कार किया। इतना ही नहीं बल्कि शिक्षामित्रों ने अपने बीआरसी पर धरना प्रदर्शन भी किया। शिक्षामित्रों का कहना था किहाईकोर्ट ने हमारी ट्रेनिंग को ही अवैध घोषित कर दिया है। जब ट्रेनिंग अवैध है थी तो दो साल तक प्रशिक्षण क्यों दिया गया था।

अध्ययन कार्य से विरत

शिक्षामित्रों ने प्रदेश संगठन के निर्देश पर सोमवार को अपने बीआरसी पर धरना प्रदर्शन किया। स्कूलों में शिक्षामित्रों ने अध्यापन कार्य नहीं किया। शिक्षामित्रों ने जिले की सभी बीआरसी पर धरना-प्रदर्शन कर हाईकोर्ट की ओर से समायोजन रद्द करने का विरोध किया। शिक्षामित्र संगठन के जिलाध्यक्ष धर्मपाल ने कहा कि जब तक प्रदेश संगठन की ओर से निर्देश नहीं आता है तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने हमारी सालों की मेहनत से एक झटके में पानी फेर दिया है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा हाईकोर्ट ने हमारी ट्रेनिंग को अवैध बताया है। जब हमारी ट्रेनिंग अवैध है तो हमें दो साल तक ट्रेनिंग क्यों कराई गई। एनसीटीई ने कोर्ट में जो तथ्य प्रस्तुत किए हैं और जो नियम सरकार को बताए थे उनमें अंतर है। एनसीटीई ने हमारे विपक्ष में कार्य कर समायोजन रद्द कराने में अहम भूमिका निभाई है। वहीं प्रदेश सरकार ने भी समायोजन करने में अपनाए गए नियमों की अनदेखी की है। अगर प्रदेश सरकार नियमों को गंभीरता से लेते हुए हमारा समायोजन करती तो आज हमें यह दिन नहीं देखना पड़ता। हालांकि उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अभी भी हमारे साथ है। प्रदेश सरकार और शिक्षामित्र हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। इस धरने में जिलाध्यक्ष धर्मपाल शर्मा, जिलामंत्री सुबोध, कोषाध्यक्ष संजीव कुमार, नगर से संदीप, मनीषा रावत सहित शिक्षामित्रों ने फैसले का विरोध किया।

Posted By: Inextlive