7 साल बाद धरती से टकराने वाले उल्‍कापिंड की उल्‍टी गिनती शुरु हो गई है। 2022 में 'Didymoon' उल्‍कापिंड जो पृथ्‍वी के लिए बड़ा खतरा बनने वाला है उसे नष्‍ट करने की तैयारी की जा चुकी है। यूएस और यूरोपियन रिचर्स सेंटर ने मिलकर इस खतरे को टालने का प्‍लॉन बना लिया। पढ़ें पूरी खबर....


पृथ्वी की ओर बढ रहा उल्कापिंडएक रिपोर्ट के मुताबिक, US-European रिचर्स टीम ने मिलकर एक Aida (Asteroid Deflection & Assessment) मिशन बनाया है। जिसका उद्देश्य उल्कापिंड को पृथ्वी से टक्कर होने से बचाना है। जी हां 2022 में आने वाले खतरे को पहले से भांपकर साइंटिस्टों ने पृथ्वी को बचाने की पूरी तैयारी कर ली है। दरअसल एक अंडाकार उल्कापिंड पृथ्वी की तरफ काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसे 'Didymoon' नाम दिया गया है। यह 160 मीटर चौड़ा है और यह एक 750 मीटर चौड़े Didymos उल्कापिंड का चक्कर काट रहा है। बताते हैं यही चक्कर काटते-काटते यह पृथ्वी से टकरा जाएगा। जोकि पृथ्वीवासियों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। यह मिशन कैसे करेगा काम
पृथ्वी की ओर बढ़ते इस बड़े खतरे को टालते हुए साइंटिस्टों ने ESA-led Asteroid Impact Mission (Aim) और Nasa's Double Asteroid Redirection Test (Dart) दो स्पेसक्रॉफ्ट तैयार किए है। Aim को 2019 में प्रक्षेपित किया जाएगा, जोकि पृथ्वी के चारों तरफ घूमकर पहरेदारी करेगा। वहीं Dart को 2021 में यहां से छोड़ा जाएगा और यह 2022 तक पृथ्वी की बाहरी कक्षा में पहुंचकर उल्कापिंड को नष्ट कर देगा। यानी कि यह Dart स्पेसक्रॉफ्ट उल्कापिंड के नजदीक आते ही उसमें विस्फोट कर देगा और वहां मौजूद Aim इसके बाद होने वाले प्रभाव को मॉनीटर करेगा।उल्कापिंड का नेचर जानना जरूरीवैसे वैज्ञानिकों को पूरी उम्मीद है कि वह पृथ्वी को इस खतरे से बचा लेंगे। लेकिन उससे पहले इसकी अच्छे से तैयारी काफी जरूरी है। European Space Agency के लीड इनवेस्टिगेटर डॉ. पैट्रिक माइकल का कहना है कि, हमारी पृथ्वी को प्रोटेक्ट करना सबसे जरूरी है। इसके लिए हमें सबसे पहले उल्कापिंड के नेचर को समझना होगा। वह कहां से आया और वह किन-किन चीजों से बना है। यह पता चलते ही हमारी टीम इस टक्कर को लेकर तैयार हो जाएगी। फिलहाल इस मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिकों ने Didymoon के स्ट्रक्चर की स्टडी शुरु कर दी है।inextlive from World News DeskCourtesy : dailymail.co.uk

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari