- वीमेन क्राइम सेल की ओर से चलाई जा रही है कुटुंब योजना

- इस योजना के तहत कई परिवारों को टूटने से बचाया गया

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LUCKNOW: छोटी-छोटी बातों से शुरू हुई कलह के कारण हर साल सैकड़ों हंसते-खेलते परिवार बिखर जाते हैं। ऐसे ही परिवारों को बिखराव से बचाने के लिए वीमेन क्राइम सेल एक अहम काम कर रही है। वीमेन क्राइम सेल की ओर से चलाई जा रही कुटुंब योजना ने न सिर्फ ऐसे कई परिवारों को टूटने से बचाया है, बल्कि उनके रिश्तों की डोर को मजबूत करने का भी काम किया है। यहां आने वाले मामलों पर छह माह बाद तक नजर रखी जाती है, ताकि इन परिवारों में फिर से अलगाव की भावना न पैदा हो।

कई परिवारों को मिलाया

पुलिस कमिश्नरी सिस्टम के अंतर्गत वीमेन क्राइम सेल ने कुटुंब योजना शुरू की थी। जिसे थाना स्तर व अफसरों से मिलने वाले पारिवारिक और वैवाहिक मामले सौंपे गए। यहां आने वाले मामलों में दंपति की अगल-अलग और एक साथ काउंसिलिंग कर उनकी समस्याओं को सुलझाया गया और उन्हें एक साथ रहने को प्रेरित किया गया।

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वैवाहिक विवादों से संबंधित आंकड़े

925 प्रार्थना पत्र आए

316 मामलों में समझौता कराया गया

02 मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई

486 मामलों में कोर्ट में सुनवाई चल रही

74 मामले निरस्त किए गए

- शेष में काउंसलिंग की जा रही

नोट- 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक के आंकड़े

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किस तरह होता है काम

- उच्चाधिकारियों, थानों एवं पीडि़तों द्वारा प्रार्थना पत्र प्राप्त होते हैं।

- प्रार्थना पत्रों को रजिस्टर में अंकित कर फाइल तैयार की जाती है।

- प्रार्थना पत्र प्राप्त होते ही दोनों पक्षों को नोटिस देकर बुलाया जाता है।

- तिथि निर्धारित कर काउंसिलिंग की जाती है और समझौता हो जाने के बाद भी तीन बार दोनों पक्षों को बुलाया जाता है।

- वादी के संतुष्ट होने के बाद फाइल बंद कर दी जाती है। बंद फाइलों की छह माह में एक बार फालोअप लेने की प्रक्रिया है।

- काउंसलिंग के बाद भी समझौता न हो तो विधिक कार्रवाई के लिए संबंधित जोनल व थाना पुलिस को प्रेषित किया जाता है।

कोट

इस योजना से ऐसे परिवारों को मिलाने का काम किया गया है जिनमें छोटी-छोटी बातों पर मनमुटाव हो गया था। ये लोग एक दूसरे से अलग रहने के लिए प्रार्थनापत्र भी दे चुके थे। काउंसिलिंग कर उन्हें दोबारा मिलाया गया।

श्वेता श्रीवास्तव, एसीपी, वीमेन क्राइम

Posted By: Inextlive