दूसरी कंपनियों की ओर से बनाई गई स्वचालित कारों को सुधारने की जगह गूगल ने वैसी कारें ख़ुद ही बनाने का फ़ैसला किया है.


इस कार में रुकने और चलने के लिए एक बटन तो होगा, लेकिन नियंत्रण के लिए स्टीयरिंग या पैडल नहीं होंगे.गूगल की इस  कार की तस्वीरों से पता चलता है कि यह आम शहरी कारों की तरह जाने-पहचाने आकार वाली है और इस तरह से उसका डिजाइन किया गया है कि सामने से सुरक्षित होने का अहसास दे.इसके साथ ही यह लोगों में स्वचालित तकनीक को स्वीकार्य बनाने में मदद करेगी.गूगल के सह संस्थापक सर्गे ब्रिन ने कैलिफोर्निया में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कंपनी की योजना की जानकारी दी.कंपनी की स्वचालित परियोजना के निदेशक क्रिस उर्मसन ने कहा, ''इस गाड़ी को लेकर हम वास्तव में बहुत रोमांचित हैं. यह कुछ ऐसा होगा जो स्वचालित तकनीक की क्षमताओं को आगे बढ़ाएगा और इसकी सीमा को समझेगा.''जीवन स्तर


"इस गाड़ी को लेकर हम वास्तव में बहुत रोमांचित हैं. यह कुछ ऐसा होगा जो वास्तव में स्वचालित तकनीक की क्षमताओं को आगे बढ़ाएगा."-क्रिस उर्मसन, गूगल की स्वचालित परियोजना के निदेशकउन्होंने कहा कि इस कार में आवागमन को नया रूप देकर लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की क्षमता है, लेकिन इस क्षेत्र में शोध कर रहे लोग स्वचालित कार तकनीक के नकारात्मक पहलुओं की क्षमता की जांच-पड़ताल कर रहे हैं.

उनका मानना है कि इस तरह की  कारें शहरी ट्रैफ़िक और फैलाव को और अधिक ख़राब कर देंगी. लोग इस तकनीक को अपनाएंगे क्योंकि उन्हें कार ख़ुद नहीं चलानी होगी.बीबीसी को गूगल की टीम से मिलने और इस गोपनीय परियोजना के बारे में बात करने और कार के शुरुआती मॉडल को देखने का मौक़ा मिला. परीक्षण के दौरान गूगल की स्वचालित कार और इसके कम्प्यूटर की तस्वीर.यह कार गूगल के रोड मैप पर निर्भर है, जिसे इस परियोजना के लिए ख़ासतौर पर बनाया गया है. इसका कंपनी के वाहनों के बेड़े में इस्तेमाल किया जा रहा है.गूगल ने अभी हाल में ही घोषणा की थी कि उसकी स्वचालित कार ने आम सड़कों पर सात लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है. अब शहर की व्यस्त सड़कों पर आने वाली समयस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.कंपनी इस तरह की 200 कारों का एक बेड़ा डेट्रायट में बनाने की योजना बना रही है. उर्मसन कहते हैं, ''इन कारों को हम एक साल के अंदर सड़कों पर देखना चाहते हैं.''

इसके प्रशंसकों का कहना है कि स्वचालित कारों में सड़कों को सुरक्षित बनाकर यातायात में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है. इससे दुर्घटनाएं कम होंगी और जाम और प्रदूषण में कमी आएगी.सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2013 के पहले छह महीने में ब्रिटेन में हुए सड़क हादसे में साढ़े 23 हज़ार लोग मारे गए या घायल हुए थे.गूगल में स्वचालित कार टीम के निदेशक और अमरीका के नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ़्टी एडमिनिस्ट्रेशन के उपनिदेशक रहे रोन मेडफोर्ड के अनुसार चालक की गलतियों को कम करके सड़क दुर्घटनों पर काफ़ी हदतक लगाम लगाई जा सकती है.हालांकि स्टैनफोर्ड में सेंटर फ़ॉर ऑटोमोटिव रिसर्च के कार्यकारी निदेशक सेवेन बीकर का कहना है कि चालक विहीन कार में भी ख़तरनाक परिस्थिति में मैनुअल निर्देश की ज़रूरत पड़ सकती है और रोजाना न चलाने से लोग कार चलाना भूल सकते हैं, जिससे आगे दिक्कत आ सकती है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh