स्वास्थ्य विभाग के लिए मार्च के दूसरे सप्ताह में रिलीज हुए करोड़ों रुपए

पैसे को यूज करने में छूट रहे अधिकारियों के पसीने

31 मार्च के बाद लैप्स हो जाएगा सरकारी बजट

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न योजनाओं को लेकर आया ढाई करोड़ रुपए से अधिक का बजट डूब सकता है। इससे पब्लिक का सीधा नुकसान होगा, क्योंकि, यह पैसा 31 मार्च के बाद लैप्स हुआ तो महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू ही नहीं हो पाएंगी। यही कारण है कि विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। किसी भी तरह से योजनाओं को अमलीजामा पहनाकर पैसे की उपयोगिता को बढ़ाया जा रहा है। विभाग पूरी तरह से कवायद में लगा हुआ है।

09 दिन, 2.77 करोड़, 09 योजनाएं

फिलहाल, केंद्र और राज्य सरकार ने मार्च के पहले और दूसरे सप्ताह में तीन योजनाओं के लिए 2.77 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। सवाल यह है कि इस राशि को 31 मार्च से पहले यूज किया जाना है।

योजना-1

इसमें 2.40 करोड़ रुपए 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में फायर फायटिंग सिस्टम डेवलप करने के लिए आए हैं। इस योजना में अभी लखनऊ की एक एजेंसी का चयन हुआ है और उसे अभी काम शुरू करना बाकी है। इस योजना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह अधिकारियों को चेतावनी भी दे चुके हैं।

योजना-2

मार्च के दूसरे सप्ताह में ही सीएचसी और पीएचसी में मेडिकल इक्विपमेंट खरीद के लिए तीस लाख रुपए की राशि जारी की गई है। सूत्रों की मानें तो अभी इस पैसे से उपकरण खरीदने का काम शुरू नही हो सका है। इस पैसे को 31 मार्च से पहले खर्च किया जाना है।

योजना-3

मार्च में ही शहर के तीनों सरकार ब्लड बैंकों में सामानों की खरीद के लिए सात लाख रुपए का बजट जारी किया गया है। इन सामानों की खरीद-फरोख्त भी अभी जारी है। इस पैसे के उपयोग को लेकर भी माथापच्ची चल रही है।

अभी और आना है बजट

बताया जा रहा है कि नेशनल हेल्थ मिशन का बजट खर्च नहीं हो पा रहा है। वहीं मेडिकल हेल्थ के बजट का आना अगले तीन से चार दिनों में तय है। इसे खर्च करना विभाग के लिए अधिक सिरदर्द साबित होगा। सूत्रों का कहना है कि ऐसे बजट लगभग बिना खर्च हुए ही लैप्स हो जाते हैं।

बॉक्स

यहां भी होगा पब्लिक का नुकसान

बताया जाता है कि कई योजनाओं के दूसरे, तीसरे और चौथे इंस्टालमेंट भी मार्च में रिलीज हुए हैं। यह राशि भी पूरी तरह खर्च नहीं हो पा रही है। जानकारी के मुताबिक यह राशि 31 मार्च के बाद सरकारी खजाने में चली जाएगी और अगले साल मिलने वाले बजट में इतनी ही राशि काटकर रिलीज की जाएगी। ऐसे में यहां भी पब्लिक का ही नुकसान होगा। अब गलती विभाग की हो या सरकार की। पब्लिक की लाभकारी योजनाओं की राशि का यूज नहीं हो पाना एक बड़ा सवाल है।

वर्जन

कोई भी पैसा वापस नहीं होगा। हम तेजी से पैसे के यूटिलाइजेशन में लगे हैं। कुछ उपकरण खरीद लिए गए हैं। फायर फायटिंग सिस्टम लगाने वाली एजेंसी ने अपना काम शुरू कर दिया है।

-डॉ। गिरिजाशंकर बाजपेई, सीएमओ, इलाहाबाद

Posted By: Inextlive