जानिए अमेरीकी स्वाधीनता की कहानी कहने वाले स्टैच्यु ऑफ लिबर्टी के बारे में
ब्रिटिश साम्राज्य का कब्जा
सन् 1442 ई० में कोलम्बस ने एक नई दुनिया (अमेरिका) की खोज की। अमेरिका के पहचान में आते ही यूरोपीय शक्तियों जैसे - फ़्रांसिसी, डच, स्पेनिश, अंग्रेज आदि ने इस महाद्वीप पर नजर गड़ानी शुरु कर दी। यूरोपियंस यहां पर उपनिवेश स्थापित करने में लग गए। शुरू में स्पेन सबसे आगे था। लेकिन धीरे-धीरे वहां फ़्रांस और अग्रेज ही बचे। 17वीं शताब्दी तक अंग्रेजों ने यहां 13 उपनिवेश स्थापित किये। उपनिवेश के सहारे अंग्रेजों ने जब अमेरिकियों को सताना शुरु किया तब जाकर अमेरिकी स्वतंत्रता क्रांति ने जन्म लिया। 1765 से 1783 तक चले इस स्वाधीनता संग्राम ने ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी की जंजीरों को तोड़कर यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका (United States of America) की स्थापना की। तब कहीं 4 जुलाई 1776 को अमेरिका एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया था।
अमेरिकी क्रांति और स्टैच्यु ऑफ लिबर्टी
अमेरिकी क्रांति के इतिहास में स्टैच्यु ऑफ लिबर्टी का जिक्र न आए, यह मुमकिन नहीं है। हाथ में मशाल लिए एक विशालकाय प्रतिमा अमेरिका की पहचान बन चुकी है। अमेरिकन क्रांति के दौरान फ्रान्स और अमेरिका की दोस्ती के प्रतीक के तौर पर तांबे की बनी ये मूर्ति फ्रान्स ने 1886 में अमेरिका को दी थी। यह प्रतिमा न्यूयॉर्क हार्बर में स्थित है। तांबे की यह मूर्ति 151 फुट लंबी है, लेकिन चौकी और आधारशिला मिला कर यह 305 फुट ऊंची है। 22 मंज़िला इस मूर्ति के ताज तक पहुंचने के लिये 354 घुमावदार सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।