-थ्री पत्ती एप्स का हो रहा इस्तेमाल, खेल के बाद पहुंचा दिए जाते हैं रुपए

-सबसे ज्यादा फेमस है जोकर, दो से तीन मिनट में हो जाता है फैसला

ALLAHABAD: जुए की फड़ अब गलियों, चौराहों या किसी के घर में नहीं बल्कि सेलफोन पर सज रही है। घर बैठे जुआरी तीन पत्ती एप्स पर लाखों रुपए की बाजी लगा रहे हैं। सारा खेल ऑनलाइन हो जाता है और पुलिस को भनक तक नहीं मिलती। सबसे फेमस गेम जोकर है जिसमें दो पत्तियां सेट हो जाने पर तीसरी अपने आप ही आ जाती है और दो से तीन मिनट में फैसला हो जाता है।

ऑनलाइन होता है गेम

तीन पत्ती एप्स प्ले स्टोर से फ्री डाउन लोड किया जा सकता है। इस गेम को डाउनलोड करने वाले लोग रिक्वेस्ट के जरिए एक दूसरे से कनेक्ट हो जाते हैं। गेम चलता तो वर्चुअल क्वाइन पर है लेकिन जीत हार के बाद पेमेंट नेचुरल करेंसी में होता है। गेम को दो तरीके से खेला जाता है। जुआरी गेम में हर चिप्स का रेट फिक्स कर लेते हैं और इसके बाद गेम फाइनल होने पर कैलकुलेशन किया जाता है। कौन कितने रुपए हारा या जीता, यह पता लगाने के बाद पेमेंट ऑनलाइन या कैश भी कर दिया जाता है। जोकर में एक साथ पांच लोग तक जुआ खेल सकते हैं। लोग टेक्स्ट मैसेज या गेम के थ्रू ही संदेशों का आदान प्रदान करते हैं।

हुकुम टेबल भी है फेवरेट

इसी एप्स में हुकुम टेबल व प्राइवेट टेबल भी है। ट्रेडिशन व लंबी बाजी खेलने के आदी जुआरी इसी दोनों गेम को तरजीह देते हैं। हुकुम टेबल फ्लैश की तरह चलता है। तीन पत्ती खेलने वाले एक होटल कारोबारी कहते हैं अपना काम करते हुए भी वह व उनके फ्रेंड जुटे रहते हैं। गेम सेलफोन पर चलता रहता है और किसी को भनक तक नहीं लगती। उनके साथ एक बड़े रेस्टोरेंट के मालिक, बार के मालिक रेडीमेड कपड़ों के शोरूम के मालिक भी कनेक्ट रहते हैं। किसने कितने रुपए हारे या जीते, इसका हिसाब रखा जाता है। शाम होते ही पेमेंट कर दी जाती है।

कई होटलों में चल रहा जुआ

कई पुरानों को जुए का ट्रेडिशनल तरीका ही पसंद है। दिवाली करीब आने के बाद से लीडर रोड व जीरो रोड के तीन होटलों व सिविल लाइंस के एक रेस्टोरेंट में दोपहर के वक्त जुए की बाजी लगने लगी है। शाम को भी जुए के शौकीन जुट जाते हैं लेकिन पिछले साल जितनी भीड़ अब नहीं जुट रही।

Posted By: Inextlive