-इविवि शिक्षक संघ ने पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश को भेजा पत्र

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के नम्बर से अश्लील चैटिंग का स्क्रीनशॉट वायरल करने वाले पूर्व छात्रनेता अविनाश दुबे के खिलाफ कर्नलगंज थाने में तहरीर दे दी गई है। इविवि के रजिस्ट्रार प्रो। एनके शुक्ला की ओर से दी गई तहरीर में कहा गया है कि अविनाश ने अपने मोबाइल से फेसबुक के द्वारा फर्जी तरीके से वीसी को बदनाम करने एवं छवि को धूमिल करने करने के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए पोस्ट किया। कहा है कि यह कृत्य बहुत ही अशोभनीय एवं निंदनीय है। इसके कारण कुलपति की सामाजिक प्रतिष्ठा एवं छवि को क्षति पहुंची है।

कृत्य को बताया शर्मनाक

प्रो। एनके शुक्ला ने कर्नलगंज थानाध्यक्ष से अनुरोध किया है कि अविनाश के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज करके कार्रवाई सुनिश्चित करें। इससे भविष्य में कोई भी व्यक्ति कुलपति की छवि धूमिल करने की चेष्टा न कर सके। उधर, इविवि अध्यापक संघ ने इस कृत्य को शर्मनाक बताया है। अध्यापक संघ का कहना है कि इविवि परिवार इससे बहुत आहत और अपमानित है। अध्यापकों ने आपराधिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। कहा है कि इविवि जैसी महनीय संस्था के मुखिया पर चरित्रहीनता जैसी घृणित साजिश किया जाना अनुशासनहीनता और अपराध की पराकाष्ठा है।

नहीं तो शासन प्रशासन की होगी असफलता

अध्यापक संघ ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में कहा है कि जिस विश्वविद्यालय से बडी बड़ी हस्तियों की भावनाएं जुड़ी हों। वहां ऐसा जघन्य कृत्य किए जाने का अधिकार किसी को नहीं है। ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध जिसने घोर असत्य और अमर्यादित आचरण करके जनमानस को भारी दु:ख पहुंचाया है। उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। यदि ऐसी कुत्सित शक्तियों को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह शासन और प्रशासन की भारी असफलता होगी। पत्र भेजने वालों में संघ के अध्यक्ष प्रो। आरएस दुबे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रो। एआर सिद्दीकी, उपाध्यक्ष प्रो। लालसा यादव, महामंत्री प्रो। शिव मोहन प्रसाद, पूर्व उपाध्यक्ष प्रो। हर्ष कुमार, पूर्व संयुक्त सचिव सूर्यनारायण शामिल हैं।

बॉक्स

प्रकरण गंभीर, सक्षम संस्था करे जांच

इविवि छात्रसंघ के निवर्तमान अध्यक्ष अवनीश यादव ने बयान जारी करके इविवि के घटनाक्रम की निंदा की है। अवनीश ने मांग की है कि पूरे प्रकरण की सक्षम संस्था से जांच करवाई जाए। अवनीश का कहना है कि यह प्रकरण बेहद गंभीर है। कुलपति का पद गरिमापूर्ण होता है। उनका कहना है कि आने वाले समय में इसका माकूल जवाब दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive