- पब्लिक को मिलेगी राहत, होगी 40 केसेज की जिम्मेदारी

- कोर्ट में पेंडिंग मामलों की करेंगे पैरवी, कराएंगे वेरीफिकेशन

GORAKHPUR: थानों पर लंबित मुकदमों के निस्तारण के लिए विवेचना इकाई का गठन किया जाएगा। हर थाने पर यह इकाई काम करेगी। इकाई की जिम्मेदारी होगी कि पेंडिंग पड़े मुकदमों की विवेचना करके जल्द से जल्द उसका निस्तारण कराएं। एसएसपी ने बताया कि इससे लंबित पड़े मामलों को निपटाने में मदद मिलेगी। पब्लिक को बेवजह की दौड़भाग नहीं करनी होगी।

करीब चार हजार मुकदमे पेंडिंग, रोजाना होती शिकायतें

जिले में करीब चार हजार मुकदमे पेंडिंग पड़े हुए हैं। इनमें मर्डर, लूट, रेप सहित अन्य गंभीर प्रकरण शामिल हैं। कोर्ट के आदेश पर एनसीआर की विवेचना भी पेंडिंग पड़ी हुई है। इसका बेजा फायदा अभियुक्तों को मिल रहा है। मुकदमों के वादी परेशान होकर जहां-तहां भटक रहे। आए दिन फरियादी एसएसपी से मिलने पहुंचते थे। एप्लीकेशन देकर यह शिकायत करते थे कि विवेचक उनके मामले में कोई इंटरेस्ट नहीं ले रहे हैं। पुलिस कर्मचारियों पर तरह-तरह के आरोप भी लगते थे। इसका असर पुलिस की साख पड़ने की वजह से एसएसपी ने विवेचना इकाई के गठन का फैसला लिया।

सीओ को भेजेंगे केस डायरी, करेंगे मुकदमे की पैरवी

विवेचना इकाई को एक साल में 40 मुकदमों का निस्तारण करना है। मुकदमों के निपटारे के साथ-साथ कमेटी को कोर्ट में लंबित मामलों की पैरवी भी करनी होगी। जमानतदारों के वेरीफिकेशन और वेरीफिकेशन के बाद इसकी रिपोर्ट कोर्ट में भेजनी होगी। जमानत पर रिहा होने वाले अभियुक्तों के जमानत की शर्तो के उल्लंघन करने पर निरस्तीकरण की कार्रवाई करनी होगी। इंस्पेक्टर क्राइम की तरफ से की जाने वाली विवेचना की केस डायरी प्रभारी इंस्पेक्टर के जरिए सीओ को भेजी जाएगी।

ऐसे काम करेगी विवेचना इकाई

सभी थानों पर एक विवेचना इकाई बनाई जाएगी।

इसके प्रभारी, थाना पर तैनात इंस्पेक्टर क्राइम होंगे।

टीम में एक एसआई, एक कांस्टेबल और छह महिला कांस्टेबल होंगी

इंस्पेक्टर क्राइम की अनुपस्थिति में सीनियर सब इंस्पेक्टर के जिम्मे प्रभार होगा।

एक साल के भीतर थाना के 40 मुकदमों का निस्तारण कराने की जिम्मेदारी होगी।

कोर्ट में पेंडिंग मामलों की पैरवी विवेचना इकाई करेगी। इसकी एक रिपोर्ट बनाएंगे।

जमानतदारों का वेरीफिकेशन कराया जाएगा, गड़बड़ी पाए जाने पर निरस्तीकरण कराएंगे।

वर्जन

पेंडिंग मुकदमों के निस्तारण के लिए विवेचना इकाई का गठन किया जा रहा है। हर थाने पर तैनात टीम में नौ लोगों की टीम बनाई जाएगी। इकाई को एक साल में 40 मामलों का निस्तारण कराकर रिपोर्ट देनी होगी।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी

Posted By: Inextlive