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शिकायतें पिछले एक वर्ष में साइबर सेल तक पहुंची

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शिकायतें फेसबुक पर फेक आईडी बनाकर ब्लैक मेल करने की हैं

थानों में एक्सपर्ट की कमी से नहीं पूरी हो पा रही आईटी एक्ट के केस की विवेचना

एक्सपर्ट की कमी पूरा करने के लिए हर थाने में एक एसआई को ट्रेनिंग का डीजीपी ने दिया था निर्देश

ALLAHABAD: साइबर क्राइम की विवेचना में जिले की पुलिस को पसीने छूट रहे हैं। लंबित विवेचनाओं को देखते हुए थानों में एक्सपर्ट की कमी को डीजीपी ने गंभीरता से लेकर हर थाने पर एक एसआई को साइबर क्राइम की ट्रेनिंग का निर्देश दिया था। उम्मीद थी कि इससे आईटी एक्ट के मुकदमों की विवेचना में तेजी आएगी। लेकिन ये योजना ही परवान नहीं चढ़ सकी। इस समय ज्यादातर थानों में साइबर क्राइम विशेषज्ञ नहीं हैं। ऐसी स्थिति में थाना पुलिस को साइबर क्राइम सेल की मदद लेनी पड़ती है।

साइबर क्राइम के बढ़ते अपराध को देखते हुए समय समय पर कार्यशाला के जरिए नई टेक्नीक की जानकारी दी जा रही है। साइबर मामलों के निस्तारण के लिए स्पेशल टीम लगाई गई है। साथ ही थानों पर जरुरत पड़ने पर उनका भी सहयोग किया जाता है। कुछ कमियां है जिसके चलते मामलों के जल्द निस्तारण में दिक्कत आ रही है।

बृजेश मिश्र, एसपी क्राइम

कई तरह के आ चुके हैं केस

थानों में एक्सपर्ट के न होने से पुलिस साइबर क्राइम पर नकेल कसने में हांफ रही है। सिटी के कई थानों में आइटी एक्ट के तमाम मुकदमों की विवेचनाएं लंबित हैं। लंबित मामलों में एटीएम फ्राड, फेसबुक पर फेक आईडी बनाकर ब्लैकमेल करने की घटनाएं सर्वाधिक हैं। विवेचनाओं के पूरा न होने से साइबर शातिर मनबढ़ हो गए हैं। विभाग से प्राप्त आंकड़ों पर यकीन करें तो पिछले एक साल में साइबर सेल में 167 शिकायतें दर्ज की गई। इनमें 47 शिकायतें फेसबुक पर फेक आईडी बनाकर ब्लैक मेल करने की रहीं। अन्य शिकायतों में एटीएम बदलकर पैसा निकालने, आनलाइन शॉपिंग, ओटीपी पूछकर खाते से पैसा ट्रांसफर कर लेने के मामले में दर्ज हुए हैं।

थानों पर नहीं हैं एक्सपर्ट

पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक थानों पर साइबर एक्सपर्ट की काफी कमी है। ऐसे में अधिकतर मामले थाने से साइबर सेल में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। साइबर सेल की जांच में काफी समय लग जाता है। इसकी वजह से विवेचनाएं लंबित हैं।

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कर्नलगंज में हैं सर्वाधिक केस

साइबर सेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक साइबर क्राइम से संबंधित सर्वाधिक केस कर्नलगंज थाने से आते हैं। यहां बैंक खाते से रकम निकाल लेने, आनलाइन शॉपिंग से जुड़े फ्राड के मामले ज्यादा हैं। इसके बाद शिवकुटी, जार्ज टाउन, कीडगंज एवं करेली थाने का नंबर आता है। विवेचनाओं के लंबित होने की एक और वजह बताई जा रही है। कहते हैं कि पिछले कुछ समय से साइबर सेल में तैनात पुराने कर्मचारियों की जगह नई तैनाती की गई है। नए लोगों को साइबर सेल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इससे भी केस को साल्व करने में दिक्कतें आ रही हैं। लगभग 167 मामलों में से 66 में सफलता मिली है।

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इस तरह के मामले आ रहे सामने

- एटीएम का पासवर्ड पूछकर बैंक अकाउंट से रुपए निकाल लेना

- फर्जी ईमेल आईडी बनाकर किसी के नाम का दुरुपयोग करना

- फेसबुक अकाउंट पर छेड़छाड़, अश्लील फोटो और वीडियो अपलोड करना

- ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए ठगी करके ग्राहकों को चूना लगाना

- सोशल मीडिया में तस्वीर वायरल कर ब्लैकमेल करना व धमकी देना

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एटीएम के दुरुपयोग से ऐसे बचें

- पेट्रोल पंप, रेस्टोरेंट में डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में भुगतान अपने सामने करें। अन्यथा कार्ड की क्लोनिंग करके डुप्लीकेट कार्ड तैयार किया जा सकता है।

- फोन पर बैंक डिटेल, पिन कोड किसी को न बताएं। बैंक की ओर से किसी के अकाउंट के संबंध में जानकारी नहीं मांगी जाती है।

- एटीएम का पिन नंबर हमेशा याद रखें, डायरी, एटीएम कार्ड के कवर पर कोई पासवर्ड या जानकारी न लिखें।

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आनलाइन शॉपिंग में रहें सावधान

- ऑनलाइन शो करने वाले विज्ञापनों को कतई क्लिक न करें।

- साइबर कैफे से टिकटों की बुकिंग, आनलाइन शॉपिंग के लिए कोई बुकिंग न करें। यहां पर कार्ड की डिटेल, पिन नंबर, पासवर्ड के लीक होने का खतरा रहता है।

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सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर रखें नजर

- सोशल साइट्स पर अजनबियों से मित्रता कतई न करें। कई बार फर्जी प्रोफाइल के जरिए छिपी हुई सूचनाओं को निकालने की कोशिश होती है।

- अपने फेसबुक की प्राइवेसी सेटिंग से टाइमलाइन, टैगिंग के आप्शन को हमेशा आन करके रखें। इससे आपकी अनुमति के बिना कोई व्यक्ति आपत्तिजनक पोस्ट टैग नहीं कर पाएगा।

- फेसबुक का पासवर्ड कम से कम 10 अंकों का बनाएं, इसमें कॉमन चीजें न हों। मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, नाम, वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर सहित अन्य चीजें न डालें।

- अक्सर फेसबुक पर लोग हैप्पी बर्थडे टू माई मदर, पोस्ट करके उसे अपने मदर के अकाउंट से टैग कर देते हैं। इससे साइबर क्रिमिनल को काफी हद तक जानकारी मिल जाती है।

- अपने फेसबुक अकाउंट पर ओटीपी ऑप्शन, अकाउंट सेटिंग से ऑन करके रखें। इससे फेसबुक अकाउंट तभी खुलेगा। जब आप रजिस्टर्ड मोबाइल पर आए ओटीपी को फीड करेंगे। इस प्रकार से अकाउंट हैक नहीं होगा।

Posted By: Inextlive