Patna: पटनाइट्स की बेहतर सुविधा व सिक्योरिटी को लेकर मई 2011 में एक साथ तीन दर्जन से अधिक सिटी बसें शुरू की गई थीं. इन सिटी बसों में फस्र्ट टाइम कई फैसिलिटीज दी गईं. फस्र्ट टाइम महिलाओं के लिए सात रूटों में इडेन बस सर्विस शुरू हुई.

कंडक्टर भी लेडी ही थी
15 मई से लेडीज ने पिंक बस से 'सुहाना' सफर शुरू किया। इसकी खासियत थी कि इसमें कंडक्टर भी लेडी ही थी। एक साथ सात रूटों पर शुरू हुई इस बस पर पटनाइट्स ने भी इंट्रेस्ट लिया। हालांकि यह 'पिंक मजा' ज्यादा दिन तक नहीं मिल पाया और आठ महीने बाद बगैर कोई इंफॉर्मेशन के यह सर्विस बंद कर दी गई। पिंक कलर की जगह दूसरा कलर चढ़ाकर उसे जनरल बस बना दिया गया। 15 दिसंबर 2011 के बाद से गल्र्स व लेडीज फिर से वही जिल्लत वाला सफर तय करने को मजबूर हो गईं। बीएसआरटीसी और इडेन बस सर्विस ने इसे पीपीपी मोड पर शुरू किया था। इसमें बस का ऊपरी और पीछे का हिस्सा पिंक कलर का था।

नहीं मिलेगी छूट, बंद ही कर दीजिए 
तामझाम के साथ महिलाओं के लिए पिंक बस शुरू की गई, पर आठ महीने बाद ही इडेन ने इससे कमाई न होते देख बीएसआरटीसी को लेटर लिखकर रॉयल्टी में छूट देने या फिर बस बंद करवाने की बात कही। इस पर बीएसआरटीसी का जवाब आया कि हम छूट या रॉयल्टी नहीं दे सकते, इसलिए बस को बंद ही कर दिया जाए।

इस रूट पर चली थी पिंक बस
गांधी मैदान-खगौल
गांधी मैदान-दानापुर
गांधी मैदान-दानापुर वाया कुर्जी दीघा
गांधी मैदान-गायघाट
गांधी मैदान-मीठापुर, एनएमसीएच वाया राजेंद्रनगर
गांधी मैदान-कुर्जी, आशियाना, बेली रोड, राजाबाजार
गांधी मैदान-कुर्जी, पाटलिपुत्रा, बोरिंग रोड, हड़ताली चौक, बेली रोड, जंक्शन 

पिंक बस में यह डर नहीं था
सिटी बसों में अगर सीट मिल जाती है, तो फिर प्रॉब्लम कम होती है। जब खड़े चलना होता है, तो फिर मत पूछिए, आधा घंटा सफर करना भी मुश्किल हो जाता है। डर के साथ सफर करना पड़ता है। पिंक बस में यह डर नहीं था।
पिंकी, एएन कॉलेज

सही से प्रचार-प्रसार नहीं हुआ
महिलाओं के लिए शुरू होने वाली बस का सही तरीके से प्रचार-प्रसार नहीं हुआ था, वर्ना सीट नहीं भरने की वजह से बंद नहीं करना पड़ता। महिलाएं और लड़कियां तो रोजाना ट्रेवल करती ही हैं. 
सिमरन, एएन कॉलेज

क्यों कर दिया गया बंद?
कॉलेज गल्र्स की अपनी सवारी थी। हमलोग खूब मस्ती करते थे। पिंक बस पर कोई डर नहीं था, पर अचानक से बंद कर दिया गया और इसकी कोई जानकारी तक नहीं दी गई. 
अदिति, वाणिज्या कॉलेज

जेनरल बस में सफर करना हुआ मुश्किल 
कॉलेज के अलावा कहीं भी आने-जाने के लिए हमलोग पिंक बस का ही यूज करते थे। टाइमिंग पता नहीं होने के बाद भी उसका इंतजार गांधी मैदान में करते थे, पर उसके बंद होने से जेनरल बस में सफर करना मुश्किल हो गया था. 
अनुपमा, साइंस कॉलेज 

 

 

Posted By: Inextlive