- एसडीएम ने मटौरा पहुंचकर मृतक किसान के परिवार को दी सांत्वना

मवाना : गन्ना भुगतान न होने से आíथक तंगी, बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से गेहूं की फसल बर्बाद होने से किसानों की सदमे से मौत रुक नहीं रही हैं। इससे मवाना के मटौरा गांव में खेत पर गए किसान की सदमे से हुई मौत के बाद बुधवार को एसडीएम ने सांत्वना दी। खेत पर पहुंचे एसडीएम ने किसान के फसल में 40 प्रतिशत नुकसान होना बताया है। वहीं, किसान के परिजनों का कहना है कि नुकसान 40 प्रतिशत से काफी ज्यादा हुआ है।

खेत पर तबीयत बिगड़ने लगी

मटौरा गांव निवासी भौंडे मंगलवार को गांव स्थित खेत पर गया था, जहां उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो चिकित्सक को दिखाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। सूचना पाकर विधायक प्रभुदयाल वाल्मीकि व तहसीलदार महेंद्र सिंह ने मृतक के परिजनों को सांत्वना दी थी।

चीनी मिल पर बकाया

बुधवार को भी मृतक किसान के आवास पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा था। मृतक के पुत्र लीलू व ग्रामीणों के अनुसार मृतक पर 40 हजार रुपये कृषि कार्ड पर लिए कर्ज के अलावा चीनी मिल पर वर्तमान का लगभग 35 हजार रुपये बकाया है। दो संतान में एक व लड़का है। लड़की सुनीता की शादी हो चुकी है, जबकि लड़का अविवाहित है। मृतक के पुत्र ने बताया कि उन्होंने पौने दो बीघा जमीन में गेहूं की फसल बोई थी जो बारिश व ओलावृष्टि से नष्ट हो गई। इसी सदमे में उसके पिता चल बसे।

एसडीएम पहुंचे

एसडीएम अर¨वद सिंह बुधवार को मटौरा में मृतक किसान के आवास पर पहुंचे और शोकाकुल परिवार को सांत्वना देते हुए हरसंभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने खेत पर पहुंचकर नुकसान का आकलन किया। एसडीएम के मुताबिक लगभग 40 प्रतिशत नुकसान फसल में हुआ है। उधर, भौंडे के परिजनों का कहना है कि नुकसान 40 प्रतिशत से कहीं ज्यादा है।

पूर्व विधायक ने दी सांत्वना

पूर्व विधायक गोपाल काली बुधवार को मटौरा में मृतक भौंडे के आवास पर पहुंचकर परिवार के लोगों को सांत्वना दी। दो लाख की कीमत के उसके पूर्व में पशु भी मर चुके हैं। इस बार गेहूं की फसल भी नष्ट हो गई। किसानों का करीब 40 से 60 प्रतिशत तक गेहूं की फसल में नुकसान है। गन्ना भुगतान न होने व कर्ज से मरे हैं। उनके परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। सभी किसानों को मुआवजे की राशि दिलाई जाए।

Posted By: Inextlive