कुछ players ने अपनी चमक बिखेर कर पूरी दुनिया को बना दिया अपना दीवाना


किसी भी ओलंपिक का सबसे ज्यादा अट्रैक्शन 100 मीटर फर्राटा रेस होती है, जबकि इन गेम्स का एंड मैराथन रेस के साथ होता है। ओलंपिक की इन दोनों मेन कांप्टीशन में दुनिया ने नए चैंपियंस को देखा और हैरत की बात तो ये है कि इन चैंपियंस में अमेरिका का कोई एथलीट नहीं था। 100 मीटर में जमैका के यूसैन बोल्ट ने बाजी मारी तो मैराथन में केन्याई एथलीट चैंपियन बना।


बोल्ट का करंट : तूफानी रफ्तार से बीजिंग ओलंपिक के  एथलेटिक्स ट्रैक पर धरती के सबसे तेज रेसर बनने का सम्मान यूसैन बोल्ट ने हासिल किया। यूसैन के लिए बीजिंग हमेशा के लिए इसलिए भी यादगार बन गया, क्योंकि उन्होंने यहां ‘फर्राटा डबल’ पूरा कर नया इतिहास रचा.100 मीटर रेस 9.69 सेकेंड के वल्र्ड रिकॉर्ड टाइम में पूरी करने के बाद उन्होंने 200 मीटर दौड़ भी 19.30 सेकेंड के रिकॉर्ड टाइम में पूरी की। इस तरह वे पहले एथलीट बन गए, जिन्होंने एक ही ओलंपिक में दो कांप्टीशंस में रिकॉर्ड तोड़े.

अनूठी ‘शैली’: जमैका की शैली एन। फ्रेजर की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। शैली का बचपन बेहद तंगहाली में बीता। जब वे अपनी मां के साथ सडक़ किनारे सामान बेचती और ऐसे में पुलिस के आने पर उन्हें सामान लेकर भागना पड़ता था। इसी भागदौड़ ने उन्हें एथलीट बना दिया। बीजिंग ओलंपिक में शैली वूमन की 100 मीटर रेस में 10.78 सेकेंड के समय के साथ दुनिया की सबसे तेज रेसर बन गईं। वैसे फर्राटा रेस में जमैका का ही जलवा रहा, जहां उसने तीनों मेडल्स पर कब्जा जमाया। दिबाबा का दबदबा: जिस तरह मेन में यूसैन बोल्ट दो कांप्टीशंस को जीतकर ‘ओलंपिक डबल’ बनाने वाले 1984 के बाद पहले एथलीट बने तो वहीं वुमेन ग्रुप में इथोपिया की दिबाबा ने यही गौरव हासिल किया। वे दुनिया की पहली ऐसी वुमेन एथलीट बनीं जिन्होंने 5 हजार मीटर के बाद 10 हजार मीटर में स्वर्णिम सफलता हासिल की।बेकेले का रिकॉर्ड बरकरार: केनेनिसा बेकेले ने अपने ही ओलंपिक रिकॉर्ड को सुधारते हुए मेन की 10 हजार मीटर रेस के गोल्ड मेडल पर कब्जा बरकरार रखा। इथियोपिया के बेकेले ने 27 मिनट 01.17 सेकेंड के टाइम के साथ गोल्ड मेडल जीता और एथेंस में बनाए अपने 27 मिनट 05.10 सेकेंड के रिकॉर्ड को तोड़ा।

गोल्डेन जंप:  रूस की एलेना इसिनबाएवा ने इस बार भी अपनी गोल्डेन जंप का सिलसिला जारी रखा। उन्होंने लांग जंप में अपने ही वल्र्ड रिकॉर्ड में सुधार करते हुए गोल्ड मेडल जीता। बीजिंग में इसिनबाएवा ने 5.05 मी। की ऊंचाई पार की। उन्होंने अपने पुराने रिकॉर्ड को 0.01 सेंमी से ध्वस्त किया।साइकिलिंग में क्रिस छाए: बीजिंग ओलंपिक के वैलोड्रम (साइकिलिंग ट्रैक) पर ब्रिटेन के क्रिस होय को कोई भी चैलेंज नहीं दे पाया। वे तीन गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहे। 100 साल बाद (1908) साइकिलिंग में तीन गोल्ड मेडल जीतने वाले वे पहले ब्रिटिश प्लेयर हैं।गोल्ड से लदे फेल्प्स: अमेरिका के सोने से लदे स्वीमर माइकल फेल्प्स ने जब भी स्वीमिंग पूल में छलांग लगाई, वे सोना लेकर ही लौटे। उन्होंने 400 मीटर सिंगल मेडल, 4 गुणा 100 मीटर फ्रीस्टाइल रिले, 200 मीटर फ्रीस्टाइल, 200 मीटर बटरफ्लाई, 2 गुणा 400 मीटर फ्रीस्टाइल रिले, 200 मीटर सिंगल मेडल और 100 मीटर बटरफ्लाई और 4 गुणा 100 मीटर मेडल रिले में पार्टिसिपेट किया और सभी में सोना बटोरकर ओलंपिक हिस्ट्री के पन्नों पर नाम दर्ज करया।

Posted By: Inextlive