दोस्त ने एसआरएन में कराया भर्ती, पुलिस मामले को मान रही संदिग्ध

मौके पर पहुंची पुलिस की जांच में किसी ने गोली चलने की बात नहीं मानी

ALLAHABAD: परेड मैदान पर सोमवार की दोपहर बाइक सवार बदमाशों ने सराय इनायत के दुबावल निवासी मो। आलम सिद्वीकी उर्फ अतहर को गोली मार दी। गोली दाएं कंधे पर लगी और वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। किसी तरह उसने दोस्त को फोन पर घटना की जानकारी दी। दोस्त मौके पर पहुंचा और उसे एसआरएन हास्पिटल में भर्ती कराया। एडीजी की सूचना पर घटना स्थल पर पहुंची दारागंज थाने की पुलिस ने घंटो आस पास के लोगों से पूछताछ की लेकिन किसी ने भी गोली चलने की आवाज सुनने से इंकार किया। अब पुलिस मामले को संदिग्ध मान रही है। हालांकि आलम को गोली कैसे लगी इसकी जांच की जा रही है।

आलम सिद्दीकी सोमवार दोपहर किसी काम से परेड मैदान पर गया था, जहां उसे गोली मारने का आरोप है। आलम ने घटनास्थल से ही एडीजी को घटना की जानकारी दी। इस दौरान मौके पर पहुंचे दोस्त विनय मिश्रा ने उसे एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचाया। पुलिस आलम के दोस्त विनय को लेकर घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने वहां रहने वालों से काफी देर तक पूछताछ की, लेकिन किसी ने भी गोली चलने की आवाज सुनने की बात स्वीकार नहीं की। पुलिस का कहना है कि गोली लगने के बाद आलम ने न तो सौ नम्बर सूचना देनी उचित समझी और न ही थाने पर। इसके बाद देर शाम तक कोई थाने पर भी नहीं आया और न ही लिखित तहरीर दी गई।

कोर्ट में गवाही देकर आया था

गांव के प्रधानपति अमरेन्द्र मिश्रा उर्फ पप्पू मिश्रा ने बताया कि तीस जुलाई को चाचा अनिल मिश्रा की गांव के लोगों ने हत्या कर दी थी। मो। आलम और चाचा के बीच काफी पहले से जान-पहचान है। चाचा की हत्या में आलम दो अगस्त को कोर्ट आये थे। इसके बाद वह गांव न जानकर यहीं रिश्तेदार के घर रुक गए। प्रधानपति का अरोप है कि जिन लोगों ने चाचा की हत्या की है, वहीं लोग उनकी और आलम के जान के दुश्मन बने हुए हैं।

मामले की जानकारी न तो 100 नम्बर पर दी गई और न ही थाने पर कोई शिकायत लेकर आया है। मौके पर जांच पड़ताल की गई, लेकिन वहां भी किसी ने गोली चलने की बात स्वीकार नहीं की।

कमलेश सिंह, इंस्पेक्टर, थाना दारागंज

Posted By: Inextlive