-नए मानक से कई गुना है वर्तमान में बच्चों के स्कूल बैग का वजन

-रियलिटी चेक में सामने आयी बच्चों के बैग के वजन की हकीकत

यह है मानक

कक्षा वजन

1-2 1.5 किग्रा

3-5 2.3 किग्रा

5-6 4.0 किग्रा

7-9 4.5 किग्रा

10 5.0 किग्रा

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PRAYAGRAJ: कंधों पर स्कूल बैग के बढ़ते वजन से नौनिहालों की मुसीबत हमेशा ही बढ़ती रही है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने इसके लिए अभियान भी चलाया था। आखिरकर नौनिहालों को कंधों पर बढ़ते बोझ से निजात मिलने की उम्मीद बढ़ने लगी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी गाइड लाइंस के हिसाब से बच्चों के स्कूल बैग का वजन निर्धारित किया गया है। मंत्रालय की ओर से जारी गाइड लाइन के बाद मंगलवार को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की ओर से रियलिटी किया गया। इस दौरान बच्चों के बैग का वजन मापा गया जो वास्तव में हैरान करने वाला था।

मानक से चार गुना है बैग का वजन

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने मंगलवार को अलग-अलग स्कूलों में पहुंचकर वहां डिफरेंट क्लास के बच्चों के बैग का वजन जानना चाहा। इस दौरान सेंट मेरीज कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा एक की छात्रा के बैग को लेकर जब उसका वजन किया तो बैग का वजन मानक से चार गुना ज्यादा मिला। नए मानक के अनुसार कक्षा एक से दो क्लास तक के बच्चों के बैग का वजन 1.5 किलो निर्धारित किया गया है। जबकि हकीकत में मौजूदा समय में कक्षा एक की छात्रा के बैग का वजन करीब चार किलो निकला। इतनी छोटी उम्र में बच्चों के बैग का बढ़ता वजन वाकई उनके लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है। इसके बाद दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने दूसरे स्कूलों में भी जाकर अलग-अलग क्लास के बच्चों के बैग का वजन चेक किया, जो मानक से कई गुना ज्यादा मिला। कक्षा दो के बच्चों के बैग का वजन भी चार से पांच किलो के लगभग मिला। ऐसा ही हाल अन्य क्लास के बच्चों के बैग का वजन करने पर देखने को मिला।

मेरी राय में स्कूल में बच्चों के लिए रैक की व्यवस्था की जाए, जिसमें उनके सभी कापी और बुक्स रखे जाएं। जिस दिन जो होमवर्क दिया जाए, बच्चा उस दिन उस विषय की कापी और बुक्स घर ले जाए और दूसरे दिन स्कूल में होमवर्क सबमिट करे। इस तरह से बच्चों को भारी बैग ढोने से छुटकारा मिल जाएगा।

संतोष गुप्ता

बैग का वजन कम होने से सबसे ज्यादा फायदा बच्चों के कमर दर्द से निजात के रूप में मिलेगा। इसे शीघ्र लागू किया जाना चाहिए।

-सत्यम यादव

कम उम्र में कंधे पर अधिक वजन से बच्चों की रीढ़ की हड्डी पर असर पड़ता है। इससे बच्चे की ग्रोथ कम हो सकती है।

-डॉ। जितेन्द्र जैन

आर्थोपेडिक सर्जन

Posted By: Inextlive