KANPUR:आम चुनाव से ठीक पहले आए अंतरिम बजट में केंद्र सरकार ने पर्सनल टैक्स में 5 लाख की छूट देकर आम पब्लिक को बड़ी राहत दी थी। अब 5 जुलाई को सरकार अपना पूर्ण बजट पेश करने जा रही है। ऐसे में इस बजट से भी समाज के हर तबके की अपनी-अपनी उम्मीदें है। उद्यमी हो या व्यापारी, स्टूडेंट हो या फिर महिलाएं सभी की बजट को लेकर कुछ उम्मीदें हैं कुछ आशाएं हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने इन सभी से बात कर बजट में उनकी उम्मीदों और मांगों को लेकर बात की।

लेडीज-

किचन के खर्च पर लगे लगाम

आम बजट को लेकर महिलाओं से बातचीत में सबसे अहम मुद्दा घर गृहस्थी की चीजों में मंहगाई का उठा। गोविंद नगर में रहने वाली रागिनी सिंह ने बताया कि रसोई गैस से लेकर खाने पीने के कई चीजों की कीमतें नियंत्रित होनी चाहिए। जिससे घर चलाने में आसानी हो।

ग‌र्ल्स सेफ्टी और इंप्लायमेंट पर जोर

ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही मोनिका गुप्ता का बजट को लेकर कहना है कि सरकार ग‌र्ल्स सेफ्टी और उनके इंप्लायमेंट पर फोकस करे। एंटरप्रेन्योरशिप में ग‌र्ल्स को बढ़ाने के लिए उन्हें स्पेशल बेनिफिट मिले। फाइनेंशियली वीकर सेक्शन की ग‌र्ल्स के एजुकेशन और स्किल डेवपलमेंट पर फोकस करने वाली डेडीकेटेड स्कीम को लाए तो बेहतर होगा।

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व्यापारी-

गोल्ड पर ड्यूटी हटे

कानपुर महानगर सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक बाजपेई बताते हैं कि गोल्ड पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी से राहत मिले। हर बार ज्वैलरी सेक्टर की ओर से यह मांग रखी जाती है। अगर ऐसा होता है तो सोने की तस्करी पर भी लगाम लगेगी और कस्टमर्स को भी इसका सीधा फायदा मिलेगा। वहीं बजट से व्यापारियों की एक बड़ी उम्मीद रीटेल एफडीआई और ई कामर्स को लेकर भी है। व्यापारी नेता ज्ञानेश मिश्रा के मुताबिक ई कामर्स की वजह से छोटे दुकानदारों,व्यापारियों के कारोबार पर असर पड़ रहा है। ई कामर्स को रेग्युलराइज करने को लेकर एक नीति आए। जिससे आम दुकानदारों को राहत मिले।

उद्यमी-

एमएसएमई को बजट से मिले शक्ति

आम बजट से एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों को कई उम्मीदें हैं। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, कानपुर चेप्टर अध्यक्ष आलोक अग्रवाल के मुताबिक एमएसएमई के लिए लोन की आसानी से अवेलबिलिटी बड़ा मुद्दा है। इसके अलावा बीमारू इंडस्ट्रीज को खड़ा करने में विशेष राहत की भी उम्मीद है। जिससे इंप्लायमेंट पर असर न पड़े। इसके अलावा छोटे उद्यमियों को राहत देने के लिए जीएसटी की लिमिट को बढ़ाया जाए। ईज आफ डूईग बिजनेस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की अवधारणा सच करने के लिए केंद्र के स्तर पर प्रयास हो।

स्टैंडर्ड डिडक्शन की िलमिट बढ़े

सैलरीड क्लास बजट से काफी ज्यादा प्रभावित होता है। पर्सनल टैक्स की लिमिट को बढ़ाने से मिली राहत के बाद भी अभी सैलरीड क्लास को सरकार से कुछ उम्मीदें हैं जोकि इस बजट में पूरी होती हैं तो उनकी जेब में ज्यादा पैसा बचेगा। इसमें सबसे बड़ी मांग स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाने की भी है। इसके अलावा हाउसिंग लोन में टैक्स डिडक्शन लिमिट बढ़े यह भी उम्मीद है।

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बजट को लेकर ये उम्मीदें-

- जीएसटी को आसान बनाने के लिए उठाए जाएं और कदम

- उद्यमिता को बढ़ाने के लिए स्टार्टअप के प्रमोशन का दायरा और फंड बढ़े

- ग‌र्ल्स सेफ्टी और एजुकेशन के लिए फंड बढ़े

- इंफ्रास्ट्रक्चर पर इनवेस्टमेंट बढ़ाया जाए

- उद्योगों के लिए सिंगल क्लीयरेंस सिस्टम पर गंभीरता से प्रयास हो

- एमएसएमई सेक्टर में खास तौर से टेक्सटाइल और लेदर इंडस्ट्रीज को इंसेटिवाइज किया जाए

- एमएसएमई सेक्टर को लोन कम दरों पर और आसानी से उपलब्ध हो

- सैलरीड क्लास के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़े हाउसिंग लोन में टैक्स की लिमिट को कम किया जाए।

- पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए।

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Posted By: Inextlive