-बिजली संकट दूर करने के लिए पॉवर सेविंग फॉर्मूले पर काम कर रही सरकार

-एलईडी से लोड घटा कर मांग और आपूर्ति के अंतर को किया जाएगा पूरा

-एलईडी बल्ब को किस्तों में देगा विभाग, बिजली के बिलों में आएगी भारी कमी

Meerut: बिजली कटौती से जूझ रहे शहर को एलईडी बल्ब पॉवर क्राइसिस से निजात दिलाएगा। यूपी और सेंट्रल गर्वमेंट की ओर से इजाद किया गया यह एलईडी फॉर्मूला न केवल ओवरलोडिंग कम कर हर सालाना 240 करोड़ रुपये की बिजली बचाएगा, बल्कि बिजली के बिलों में भी भारी कटौती करेगा। शासन के निर्देशों पर बिजली विभाग ने एलईडी बल्ब के माध्यम से पॉवर लोड कम करने का फार्मूला तैयार किया है। पॉवर कार्पोरेशन की ओर से विभाग को शहर में एलईडी बल्ब को बढ़ावा देकर सौ मेगावाट लोड कम करने का निर्देश मिला है।

यह है एनर्जी सेविंग का गणित

यदि 12 वॉट की सीएफएल के स्थान पर 7 वॉट के एलईडी बल्ब का प्रयोग किया जाए तो करीब बीस करोड़ रुपये का मासिक लोड कम हो जाएगा। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि 24 घंटे में लोग औसतन 8 से 9 घंटे ही घरों में बल्ब जलाते हैं। शासन के निर्देशों पर अमल करें तो हर घर-हर गली मोहल्ला, हर कार्यालय में सीएफएल और बल्ब के स्थान पर एलईडी के प्रयोग के निर्देश हैं। मौजूदा समय से शहर से करीब 60 करोड़ रुपये का मासिक बिल विभाग जेनरेट कर रहा है। सीएफएल के प्रयोग से मासिक बिल में करीब बीस करोड़ रुपये की कमी आएगी और सालाना करीब 240 करोड़ रुपये की ऊर्जा की बचत होगी।

खत्म होगी ओवरलोडिंग

बिजली के डिमांड और सप्लाई की समस्या से पार पाने के लिए सरकार ने एलईडी फॉर्मूला इजाद किया है। नए फॉर्मूले के मुताबिक बिजली विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह शहर में एलईडी बल्ब को बढ़ावा देकर सौ मेगावाट तक पॉवर लोड कम करे। इसी के साथ शासन ने विभाग को सेमिनार और वर्कशॉप के माध्यम से पॉवर सेविंग को लेकर जनता-जनार्दन को जागरुक करने के निर्देश भी दिए हैं। इस फॉर्मूले के मुताबिक शहर में कम से कम 80 लाख वॉट लोड कम हो जाने की उम्मीद है। अधिक बिजली खर्च वाले बल्ब और सीएफएल की जगह शहर में स्थित घरों में 25 लाख एलईडी बल्ब लगवाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

शहर में 2.32 लाख उपभोक्ता

शहर में इस समय बिजली विभाग के 2.32 लाख उपभोक्ता हैं। जबकि हर साल 20 से 25 हजार नए उपभोक्ता बढ़ रहे हैं। उपभोक्ताओं की लगातार बढ़ रही तदाद के चलते हर वर्ष करीब 7 से 8 परसेंट की डिमांड बढ़ जाती है। बिजली विभाग की मानें तो बढ़ती भीषण गर्मी तक बढ़ती बिजली की डिमांड के चलते बिजली की मांग 700 मेगावॉट से भी ऊपर पहुंच रही है।

100 मेगावॉट लोड घटाने का लक्ष्य

एक ओर जहां पॉवर जेनरेशन के संसाधन सीमित होते जा रहे हैं, वहीं बिजली के संकट से निजात पाने के लिए अब सरकार ओवरलोडिंग कम कर अतिरिक्त पॉवर सप्लाई मुहैया कराने पर जोर दे रही है। शासन की ओर से पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम को 100 मेगावॉट लोड कम करने का टारगेट दिया गया है। लोड में यह कमी विभाग अधिक खपत वाले बल्बों के स्थान पर एनईडी बल्ब लगवाकर कम करेगा।

ऐसे कम होगा लोड

बिजली विभाग का मानना है कि ज्यादातर घरों में अब 5, 12, 15, 18 आदि वॉट की सीएफएल लगे हुए हैं। कुछ हजार घर, दुकान ऐसे हैं जिनमें कि 60 या 100 वॉट के बल्ब लगे हुए हैं। पीवीवीएनएल की मानें तो 7 वॉट के एलईडी बल्ब में 12 वॉट के सीएफएल से अधिक रोशनी होगी। इस तरह अगर 25 लाख सीएफएल की जगह एलईडी बल्ब लग गए तो कम से 80 लाख वॉट पॉवर लोड कम हो जाएगा।

बिलों में आएगी भारी कमी

बिजली विभाग के मुताबिक शहर में इस समय पॉवर सप्लाई के लिए हर महीने 700 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती है। केवल 20 लाख एलईडी बल्ब लगने से 7 से 8 परसेंट तक बिजली की बचत होगी। एलईडी बल्ब लगाने का सबसे अधिक फायदा पब्लिक को होगा। हर रोज एक बल्ब एवरेज कम से कम 8 घंटे तक लोग रोशनी के लिए जलाते हैं। जब एलईडी बल्ब लग जाने से बिजली का बिल कम हो जाएगा। इससे लोग एलईडी बल्ब की तरफ और बढ़ेंगे। जिस तरह ज्यादातर घरों में अब बल्ब की जगह सीएफएल ले चुकी है। इसी तरह बिजली का बिल कम करने के लिए लोग सीएफएल की जगह एलईडी बल्ब लोग यूज करेंगे। फिलहाल एलईडी बल्ब महंगे होने की वजह से लोग यूज नहीं कर रहे हैं। इससे पॉवर की डिमांड घटेगी और लोगों के बिजली का बिल भी कम हो जाएगा।

टेक्नीकल फॉल्ट होंगे कम

एलईडी बल्ब लगने से पीवीवीएनएल को पीक ऑवर्स में ओवरलोडिंग की समस्या भी कम होगा। विभाग की मानें तो सबसे अधिक पॉवर लोड शाम 6 से रात 10 बजे तक होता है। क्योंकि इस टाइम पर घरों के अलावा दुकानों में सीएफएल, बल्ब व ट्यूबलाइट लोग जलाते हैं। कम वॉट में अधिक रोशनी देनी वाली सीएफएल लग जाने से ओवरलोडिंग की समस्या काफी हद तक हो जाएगी। इससे ट्रांसफॉर्मर जलने, ब्रेकडाउन आदि पर अंकुश लगेगा। लोगों को अधिक बिजली मिल सकेगी।

एलईडी पर ऑफर्स

मार्केट में एलईडी नामी-गिरामी कम्पनीज के 7 वॉट के एलईडी की कीमत 300 से अधिक है। हालांकि ऑनलाइन शॉपिंग में एलईडी इससे काफी कम कीमत पर उपलब्ध है। कंपनियां 60 परसेंट तक की छूट दे रही है। इस ऑनलाइन मार्केट 3 वॉट, 4 वॉट, 5, 6, 7, 9. 12, 15 वॉट और इससे अधिक वॉट के एलईडी बल्ब पर मिल रहे हैं।

किस्तों में मिलेगा एलईडी बल्ब

विद्युत वितरण मंडल अर्बन के अधीक्षण अभियंता पीके निगम ने बताया कि 120 रुपए कीमत वाला एलईडी बल्ब अब विभाग की ओर से किस्तों पर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि खंड कार्यालयों के अलावा बिजली विभाग के सभी दफ्तरों में यह बल्ब दस रुपए की मासिक किस्त पर दिया जाएगा। इस तरह से उपभोक्ता पर बल्ब की कीमत का लोड भी नहीं पड़ेगा।

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शहर में 40 फीसदी लाइन लॉस

बिजली विभाग के आंकड़ों के मुताबिक शहर में कुल बिजली की 40 फीसदी बिजली लाइन लॉस में जा रही है। तमाम अभियानों के बाद भी बिजली विभाग लाइन लॉस का यह ग्राफ नीचा करने में नाकाम साबित हुआ है। हालांकि विभाग लाइन लॉस में कमी आने की बात करता है, लेकिन विभाग के ये सारे दावे हवा हवाई हैं।

बिजली विभाग एलईडी बल्ब को बढ़ावा दे रहा है। यदि पारंपरिक बल्बों के स्थान पर एलईडी बल्बों का इस्तेमाल किया जाए तो ओवरलोडिंग की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

विजय विश्वास पंत, एमडी पीवीवीएनएल

Posted By: Inextlive