आज आसाराम को नाबाल‍िग से दुष्‍कर्म के मामले में आज उम्रकैद की सजा सुनाई गई। सजा सुनते ही वह फूट-फूट कर रो पड़े। आसाराम ने स‍िर्फ लाखों की संख्‍या में अपने भक्‍त ही नहीं बनाए बल्‍क‍ि 10000 करोड़ का साम्राज्‍य भी तैयार क‍िया। आपको जानकर हैरानी होगी आसाराम ने एक छोटी सी कुटी से शुरुआत की थी। इसका ज‍िक्र उनकी वेबसाइट पर पड़ी शॉर्ट डॉक्‍यूमेंट्री में हुआ है। ऐसे में आइए जानें आज बचपन से लेकर आसाराम के बुढापे तक की कहानी...

आसाराम के देश-विदेश में करीब 400 से अधिक आश्रम
अहमदाबाद (प्रेट्र)। कभी लाखों भक्तों से और अध्यात्म की आड़ में एक बड़ा नाम कमाने वाले आसाराम आज नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी पाए गए। आसाराम ने पिछले 4 दशकों में करीब 10,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य बनाया था। कभी साबरमती नदी के किनारे एक कुटी से सफर शुरू करने वाले आसाराम के देश-विदेश में करीब 400 से अधिक आसाराम के आश्रम हैं। बतादें कि 2013 में दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तारी के बाद मोटेरा इलाके में आसाराम के आश्रम से पुलिस को उनके संपत्ति से जुड़े दस्तावेज मिले थे। जांच से पता चला था कि 77 वर्षीय आसाराम ने लगभग 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई है।
गुरू लिलाशा बापू से ने ही इनको आसाराम नाम दिया
आसाराम की आधिकारिक वेबसाइट एक शार्ट डॉक्यूमेंट्री पड़ी है। इसके मुताबिक आसाराम का जन्म 1941 में पाकिस्तान में सिंध प्रांत के बरानी गांव में असुमल सिरुमलानी के रूप में हुआ था। 1947 में विभाजन के बाद असुमल माता-पिता के साथ अहमदाबाद आए। यहां केवल चौथी क्लास तक की पढाई की थी। आसाराम जब 10 वर्ष के थे तभी इनके पिता की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद युवापन के शुरुआती दौर में इन्होंने जीवन यापन के लिए कुछ दिनों तक नौकरी की। इसके बाद असुमल  "आध्यात्मिक खोज" में हिमालय की ओर चले गए और यह गुरू लिलाशाह बापू ने ही इनको आसाराम नाम दिया था।
आसाराम का ऐसा असर हुआ कि लोग इनके दीवाने हो गए

गुरू ने आसाराम को अपना मार्ग बनाने और लोगों का मार्गदर्शन करने का आदेश दिया था। वहीं 70 के दशक की शुरुआत में आसाराम अहमदाबाद आए और यहीं पर मोटेरा क्षेत्र के पास साबरमती तट पर तपस्या की। एक आध्यात्मिक नेता के रूप में इनकी यात्रा 1972 में शुरू हुई थी। आसाराम ने नदी के तट पर 'मोक्ष कुटीर' नाम से एक झोपड़ी स्थापित की। इसके बाद चार दशकों के अंदर आसाराम ने देश-विदेश में करीब 400 से अधिक आश्रम बना डाले। लोगों के दिल और दिमाग में आसाराम का ऐसा असर हुआ कि लोग इनके दीवाने हो गए।
परेशानियों आने का सिलसिला साल 2008 से शुरू हुआ
इसका बड़ा उदाहरण यह है कि आज भी आसाराम के मोटेरा आश्रम में उनके बड़ी संख्या में ऐसे अनुयायी हैं जो आज भी मानते हैं कि आसाराम को झूठे आरोपों में जेल भेजा गया है।आसाराम का विवाह आसाराम का विवाह लक्ष्मी देवी से हुआ था। इन्हें दो बच्चे नारायण साईं और बेटी भारती हुए थे। आज पुत्र नारायण साईं भी सलाखों के पीछे हैं। आसाराम के जीवन में परेशानियों की शुरुआत 2008 से शुरू हुआ था। मोटेरा इलाके में स्िथत आश्रम के गुरुकुल में रहने वाले दो चचेरे भाई-दीपेश और अभिषेक वाघेला नदी के किनारे मृत पाए गए थे।
इनके और इनके बेटे पर लगे थे यौन शोषण्ा के आरोप
मृत बच्चों के माता-पिता ने आरोप लगाया था कि उनके बच्चों को आश्रम में होने वाले काले जादू की वजह से मारे गए हैं। इसके बाद 2013 में यह राजस्थान में नाबालिग के दुष्कर्म के लिए आसाराम चर्चा में आए थे। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके अलावा सूरत में दो बहनों ने भी आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर कथित यौन शोषण के आरोप लगाए थे। सूरत पुलिस ने 6 अक्टूबर, 2013 को इस मामले को पंजीकृत किया था।इसके अलावा इन पर सूरत और अहमदाबाद में आश्रम के लिए जमीन पर कब्जा करने का आरोप भी लगाया गया था। आसाराम और उनके बेटे के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों में गवाहों को धमकी देने और हमला कराने का आरोप भी लगा था।
उम्र 77 साल और सजा उम्रकैद, दुष्कर्म के दोषी आसाराम कभी अनोखे अंदाज में देते थे आशीर्वाद, देख सकते हैं ये तस्वीरें

नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी आसाराम को मिली उम्रकैद की सजा, पीड़िता के पिता बोले आज मिला न्याय

 

Posted By: Shweta Mishra