Meerut : इस बार गरमी का इरादा थोड़ा खतरनाक लग रहा है. अभी मई की शुरुआत है लेकिन पारा सितम ढा रहा है. भेजा फ्राई कर रहा है. जून की सोचकर अभी से घबराहट हो रही है.


गरमी के चलते लोगों का घर से निकलना मुश्किल है। तमाम लोग बीमारियों की चपेट में हैं। डॉक्टर्स के यहां कतार लग रही है। आपका सावधान रहना बेहद जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही नुकसानदायक हो सकती है। अभी तो शुरुआत है अभी तो गरमी की शुरुआत है और टेम्प्रेचर 38.8 डिग्री सेल्सियस हो गया है। धूप में इस कदर तेज है कि लोगों की स्किन जल रही है। धूप ने लोगों का हाल-बेहाल कर रखा है। 12 और 3 बजे के बीच सूरज से आग बरसती है। डिहाइड्रेशन और स्किन बर्न का यही समय है। इस टाइम पीरियड में घर से बाहर निकले लोगों का हाल बेहाल रहता है। डिहाइड्रेशन की हालत तो ऐसी है कि कितना भी पानी पी लिया जाए प्यास बुझने का नाम ही नहीं लेती है।  बीमारियों का मौसम


टेंप्रेचर के बढऩे के साथ ही कई लोगों को हेल्थ से जुड़े कई प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता। इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखकर आप ऐसी परेशानियों से बच सकते हैं।

Heat stress disorder                                                                                                                   जैसे जैसे गर्मी बढ़ती है हीट स्ट्रेस की प्रॉब्लम भी बढऩे लगती है। हीट स्ट्रोक हर किसी को न भी हो मगर हीट स्ट्रेस से कोई भी नहीं बचता और ये भी काफी गंभीर प्रॉब्लम मानी जाती है।Symptoms-पसीना आना-कमजोरी और थकान महसूस करना-बॉडी के ट्रैम्प्रेचर का ज्यादा बढऩा-जी मचलाना-चेहरे का पीला होनाक्या करें-ठंडी जगहों पर आराम करें-इलेक्ट्रोलाइड, ग्लूकोज बेस्ड ड्रिंक्स लें।-कैफीनेटिड चीजें जैसे हॉट और कोल्ड कॉफी और कोलाज जैसी चीजें न लें।-अगर आपको उल्टी, बेहोशी या दौरा पडऩे जैसी कंडीशन फील हो तो डाक्टर से कंसल्ट करें।Heat strokeये गर्मी में होने वाली काफी खतरनाक प्रॉब्लम है। इसका शिकार अधिकतर घर से बाहर निकलने वाले लोग होते हैं। जब हमारी बॉडी बाहर के टेम्प्रेचर के साथ एडजस्ट नहीं कर पाती है तब हीट स्ट्रोक की प्रॉब्लम होती है। इसमें बॉडी से पसीना निकलना बंद हो जाता है जिसकी वजह से बॉडी की हीट बाहर नहीं आ पाती।Symptoms-मेंटल कन्फ्यूजन, उत्तेजना, बेहोशी-बॉडी टेम्प्रेचर का 106 डिग्री फारेहनाइट से ऊपर होना

-हॉट और ड्राय स्किन और स्किन का लाल या नीला होनाक्या करें-जल्दी ही डाक्टर के पास जाएं- ऐसे व्यक्ति को ठंडी जगह पर ले जाएं-ठंडे पानी से पोछें। -उसे एसी या किसी ठंडे टेम्प्रेचर में रखें।Heat crampsगर्मी में अकसर हीट क्रैम्स की प्रॉब्लम होती है। क्योंकि ओवर स्वेटिंग की वजह से पानी और मिनरल्स की बॉडी में कमी हो जाती है। इसमें मसल्स में दर्द होता है।  Symptoms-मसल्स में दर्द होता है-ये प्रॉब्लम काम के दौरान या उसके बाद होती हैक्या करें-इलेक्ट्रोलाइड सॉल्यूशन पिएं-मेडिकल हेल्प लेंHeat rashहीट रैश को घमौरियों के नाम से भी जाना जाता है। ये बहुत ज्यादा गर्मी और उमस भरे एटमॉस्फियर में रहने की वजह से होती है। अक्सर पसीना न सूख पाने की कंडीशन में घमौरियां होती हैं।Symptoms-खुजली-स्किन का लाल होना-इरिटेशन और चुभन महसूस होनाक्या करें-स्किन को साफ रखें और उसे सूखने दें-ढीले कॉटन के कपड़े पहनेंराहत देंगे beveragesनींबू पानी
प्यास लगने पर अगर आप नींबू पानी पीते हैं तो ये पानी से ज्यादा बेहतर साबित होता है। इसे आप अपने टेस्ट के हिसाब से नमकीन और मीठा यूज कर सकते हैं। ये ईजी टू मेक है और असानी से अवेलेवल भी है। गर्मी में नींबू पानी बहुत जल्दी शरीर के एनर्जी लेवल को बढ़ाता है। इसमें अगर थोड़ा सा फ्रेश फ्रूट जूस मिला लिया जाए तो अच्छा रहता है।

जलजीरास्पाइसी और सॉल्टी ड्रिंक्स में जलजीरा बेस्ट है। अपने अलग फ्लेवर की वजह से ये लोगों को पसंद तो आता है साथ ही इससे गर्मी से बचने में मदद मिलती है।आम पन्नाआम के पन्ना का सेवन हीट स्ट्रोक से बचने का बेस्ट तरीका है। हर दिन आधा गिलास पन्ना लेने से लू नहीं लगती और बॉडी को एनर्जी मिलती है।लस्सीलस्सी और छाछ गर्मी से बचाने में काफी मददगार है। इसमें दही को फेंटने के बाद उसमें नमक, चीनी और सूखा पुदीना पत्ता डाला जाता है। इसके अलावा पतली मीठी लस्सी भी पी जाती है।  "टेंप्रेचर बढऩे के साथ स्किन प्रॉब्लम भी शुरू हो जाती हैं। स्किन इंफेक्शन और सन बर्न की शिकायतें हमारे पास आनी शुरू हो गई हैं." अमित जयसवाल, डर्मोटोलॉजिस्ट

Posted By: Inextlive