- मिनिमम चार्ज को लेकर व्यापारियों का विरोध यूपीईआरसी तक पहुंचा

- यूपीईआरसी की मीटिंग राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध, कमेटी ने भी सौंपी रिपोर्ट

-आईनेक्स्ट ने प्रमुखता से पब्लिश की मिनिमम चार्ज की समस्या

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यन्हृक्कक्त्र: अगले पॉवर टैरिफ में बिजनेसमैन, शॉपकीपर्स को मिनिमम चार्ज से छुटकारा मिल सकता है। मिनिमम चार्ज को लेकर चौतरफा हो रहे विरोध की रिपोर्ट यूपीईआरसी तक पहुंच चुकी है। मिनिमम चार्ज से सिटी के 80 हजार से अधिक बिजनेसमैन, शॉपकीपर्स को राहत मिलेगी। जिन्हें बिजली बचाने के बावजूद मिनिमम चार्ज के कारण अधिक बिल भरना पड़ रहा है।

सिटी में मिनिमम चार्ज को लेकर विरोध

पिछले साल घोषित किए गए पॉवर टैरिफ में कॉमर्शियल कनेक्शन वाले कन्ज्यूमर्स से फिक्स्ड चार्ज के अलावा मिनिमम चार्ज भी वसूला जा रहा है। 6 महीने तक 600 व 6 महीने तक 475 रुपए प्रति किलोवॉट प्रति महीना होने की वजह से कम बिजली खर्च करने के बावजूद दुकानदार, व्यापारियों को भारी-भरकम बिल चुकाने पड़ रहे हैं। 1-1 यूनिट के 265 रु। तक चुकाने पड़ रहे हैं। इससे उनमें जबरदस्त रोष है। आईनेक्स्ट ने इस इश्यू को लगातार प्रमुखता से पब्लिश भी किया। जिसके बाद व्यापारियों ने केस्को अफसरों से मिलकर मिनिमम चार्ज को लेकर विरोध जताया और वापस लिए जाने की मांग की।

मिनिमम चार्ज को लेकर विरोध का मामला केस्को ने पॉवर टैरिफ डिसाइड करने वाले यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन तक पहुंचाया। रेगुलेटरी कमीशन ने केस्को सहित अन्य पॉवर सप्लाई कम्पनीज के अफसरों के साथ इस मामले पर डिसकशन भी किया। फ्राई डे को यूपीईआरसी की मीटिंग में राज्य उपभोक्ता परिषद ने मिनिमम चार्ज का विरोध किया। बिजली के बिल की कठिनाईयों को दूर करने वाली कमेटी ने भी इस बावत रिपोर्ट सौपी है। केस्को के चीफ इंजीनियर योगेश हजेला ने बताया कि मिनिमम चार्ज को लेकर व्यापारियों के विरोध की जानकारी यूपीईआरसी की दी चुकी है। इस मामले में डिसकशन भी हुआ है। फैसला यूपीईआरसी को करना है। इसका पता नया पॉवर टैरिफ घोषित होने पर ही चलेगा।

Posted By: Inextlive