- मास्क लगा कर गिन रहे है ब्रांच में जमा पुराने नोट

BAREILLY: निजी और सरकारी बैंक्स के कर्मचारियों को एलर्जी का खतरा सता रहा है। इसका कारण ठंड, धुंआ नहीं है। बल्कि, ब्रांच में जमा हुए बैन नोट हैं। नोटबंदी के बाद से जमा हुए 500 और 1000 के नोट फिलहाल बैंक्स में डम्प हैं। आरबीआई इन्हें किसी भी समय अपने यहां मंगा सकती है। लेकिन, इससे पहले इन नोटों की दोबारा काउंटिंग किए जाने के निर्देश ने कर्मचारियों को टेंशन में ला दिया है। हालांकि, वह न चाहते हुए नोटों की काउंटिंग में जुट गये हैं। लेकिन, इसके लिए उन्होंने एलर्जी से बचने के उपाय भी कर रखे हैं। नोट की काउंटिंग मास्क लगा कर कर रहे हैं। ताकि, नोट से निकलने वाला डस्ट उनके बीमारी का कारण न बन जाए।

डम्प नोट पर जम गई है धूल

दरअसल, सभी ब्रांच के नोट एक जगह सुरक्षित रखे जाने हैं। जहां से आरबीआई अपने यहां सुविधा अनुसार मंगाएगी। इसके लिए ब्रांच में नोट की दोबारा काउंटिंग हो रही है। वहीं एक कारण बैंक्स में जमा हुए जाली नोट भी है। जिसकी दोबारा काउंटिंग के बाद छंटनी भी हो जा रही है। लेकिन, 8 नवंबर से बैंक्स में पड़े-पड़े इन नोटों पर धूल जम गई है। ठंड में सिलन की वजह से नोट पर फंफूदी लग गई है। ऐसे में मशीन से हो रही नोट की काउंटिंग इतनी तेज हो रही है कि पूरा केबिन धूल से भर जा रहा है। जिससे कर्मचारियों का दम घूटने लग रहा है। गले और फेंफड़े में धूल जमने से खांसी की समस्या से जूझने लगे हैं। मुंह पर मास्क लगाने पर भी उन्हें एलर्जी से छुटकारा नहीं दे रही है।

नोट गिनने में भी एलर्जी

सर्दी, जुखाम और खांसी की समस्या से जूझ रहे कर्मचारी नोटों की काउंटिंग करने से भी कतरा रहे हैं। वह अपना काम किसी के ऊपर टालने पर लग जा रहे हैं। या एक घंटे में चार बार सीट से उठ ब्रांच में टहलने लग रहे हैं। कई कर्मचारियों ने छुट्टी के लिए भी अप्लाई कर दिया है।

Posted By: Inextlive