सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी हालत में गंगा में शव न डाले जाएं, लेकिन इस आदेश की धज्जिया उड़ रही हैं। गंगा मुक्ति अभियान के संयोजक रामजी त्रिपाठी ने कहा कि शवदाह गृह अगर किसी खराबी की वजह से बंद हो जाए तो उसे नगर निगम को तुरंत ठीक कराना चाहिए। यह अफसरों की सरासर लापरवाही है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने उनको भी जानकारी दी कि भैरवघाट में शव गंगा में फेंके गए है। हालांकि नगर निगम अफसर शवदाह गृह के बंद होने को बड़े हल्के में ले रहे हों। रामजी त्रिपाठी का कहना है कि पाल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर में गंगा जल सबसे अधिक प्रदूषित है। यहां 32 छोटे-बड़े नालों से 415 एमएलडी गंदा पानी गंगा में रोज बहाया जा रहा है।

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भगवतदास घाट शवदाह गृह का हाल भी खराब

भैरोंघाट के अलावा भगवतदास घाट पर भी विद्युत शवदाह गृह बना है। इस शवदाह गृह की भी हालत ठीक नहीं है। आए दिन यहां भी फाल्ट होने की वजह से यह बंद रहता है। इसकी वजह से यहां आने वाले शवों की संख्या भी बहुत कम होती है।

Posted By: Inextlive