गोरखपुराइट्स आज भी सरकारी नौकरी की चाह में अपनी पूरी जिदंगी दांव पर लगा रहे हैं. जबकि, प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर वे अपने सपने को साकार कर सकते हैं. बस जरूरत इस बात की है कि प्राइवेट सेक्टर को लेकर जो लोगों की मेंटालिटी बनी है उसे बदलना पड़ेगा और प्राइवेट सेक्टर में सरकार को भी कुछ सुधार करना पड़ेगा. इससे हर कोई आसानी से रोजगार पा सकेगा. इन बातों के साथ कई और कड़क मुद्दों पर नौकरीपेशा और बिजनेस करने वाले लोगों ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और रेडियो सिटी के संयुक्त तत्वावधान में राजनी-टी प्रोग्राम में आरजे सांरांश से बेबाकी से अपनी बात रखी.

प्राइवेट जॉब अनसेफ

राजनी-टी में चर्चा के दौरान आकाश पांडेय ने बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखी. कहा कि प्राइवेट जॉब को लोग अनसेफ समझते हैं. इससे काफी लोग प्राइवेट सेक्टर में जाने से घबराते हैं. इसका मेन कारण है प्राइेवट सेक्टर में जो लेबर लॉ लागू होना चाहिए, वो होता नहीं है. 99 प्रतिशत कंपनियों और फैक्ट्रियों में आज भी लेबर लॉ लागू नहीं है. इसे स्ट्रीकली लागू कराया जाए तो लोगों को फायदा होगा.

बिजनेस की राह भी आसान

राजनी-टी में विनिता ने कहा कि बेरोजगारी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण लोगों की मानसिकता है. आज भी यूथ्स सरकारी नौकरियों के पीछे अपना पूरा जीवन बर्बाद कर ले रहे हैं. अगर इनकी अच्छे से काउसिंलिग और इन्हें खुद से खड़े होने के टिप्स दिए जाएं तो बेरोजगारी कम हो सकती है. बिजनेस चाहे छोटा हो या फिर बड़ा. उसे शिद्दत से अगर किया जाए तो इससे भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है. सरकार को भी इस दिशा में काम करने की जरूरत है.

वुमेन को मिले अधिकार

वैशाली ने वुमंस की प्रॉब्लम को शेयर किया. कहा कि सरकारी हो या फिर प्राइवेट जॉब, हर जगह लेडिज स्टॉफ को आज भी एक अलग नजर से देखा जाता है. जबकि, आज के इस मंहगाई के दौर में पति और पत्नी दोनों को अपने पैर पर खड़ा होना बेहद जरूरी है. कई जगहों पर तो अच्छी पढ़ाई के बाद भी शादी के बाद महिलाएं चाह कर भी ससुराल के अंकुश की वजह से नौकरी नहीं कर पाती हैं. सरकार को चाहिए कि कुछ ऐसा करे कि लड़का और लड़की का भेद खत्म हो जाए.

महंगी शिक्षा से दिलाओ निजात

यूथ्स को शादी के बाद जिन प्रॉब्लमों से रूबरू होना पड़ता है उसे अभिलाष ने बेबाकी से बताया. अभिलाष ने कहा कि प्राइवेट जॉब में सैलेरी जितनी भी मिले, लेकिन शादी के बाद कम पड़ती है. इसका मेन रीजन यह है कि इसके बाद परिवार बढ़ जाता है. इससे वाइफ के साथ बच्चे की अच्छी पढ़ाई की भी चिंता सताती है. स्कूलों की मनमानी की वजह से अब शिक्षा इतनी मंहगी हो गई है कि इसको पूरा करने में लोगों का दम फूलने लग रहा है. सरकार भी मनमानी फीस वसूलने पर लगाम नहीं लगा पा रही है.

हो सकता है जनसंख्या विस्फोट

चर्चा के दौरान नीरज शुक्ला ने कहा कि मुझे बिजनेस के साथ देश की बढ़ती जनसंख्या सबसे बड़ी समस्या लगती है. देश के नेता वोट बैंक के चक्कर मे जनसंख्या वृद्धि को अपने एजेंडे में शामिल नहीं करते हैं. पहले जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए दीवारों पर स्लोगन 'हम दो, हमारे दो' लिखकर लोगों को जागरूक भी किया जाता था. अब तो वो भी सरकार नहीं करती.

भेदियों की करें पहचान

मोनल कौर ने बहुत उबलते मुद्दे को बेबाकी से उठाया. मोनल ने कहा कि जब हम चैन से सोते हैं तब बार्डर पर हमारे देश के जवान रात भर जाग कर लोगों की रखवाली करते हैं. इसके बाद भी अपने ही देश के अंदर कई लोग चंद रुपयों के लिए वतन के साथ गद्दारी करने से जरा नहीं कतराते हैं. सरकार चाहे जो भी हो वो अगर देश हित में नहीं सोचेगी तो हम लोग भी उनके बारे में सोचना बंद कर देंगे. एक बात और जरूरी है कि देश के अंदर छुपे भेदियों को अब खोजना होगा और उन पर कार्रवाई करनी होगी.

मेरी बात

देश के नेताओं के बीच का मतभेद आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. अपनी पार्टी का हित सोचने वाले नेता अब आतंकवाद पर भी गलत बयानबाजी कर दहशतगर्दो के हितैशी बन रहे हैं. जो देश के लिए खतरे की घंटी है. सरकार चाहे जो हो उसे आतंक के मुद्दे पर एक होना होगा. तभी अराजक तत्वों पर अंकुश लग पाएगा.

मोनल कौर

कड़क मुद्दा

प्राइवेट जॉब कर भी लोग अपने सपने को साकार कर सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि गोरखपुर में भी फैक्ट्रियों को लगाया जाए. सरकार को उनके लिए ऐसा कुछ करना चाहिए, जिससे उन्हें यहां अच्छी सुविधा मिल सके. इस पहल से गोरखपुराइट्स जॉब के लिए दूसरी जगह पलायन नहीं करेंगे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए यहीं पर एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिल जाएगा.

सतमोला खाओ कुछ भी पचाओ

देश में टैलेंट की कमी नहीं है. कमी है तो इन्हें तराशने वालों की. देश के पढ़े लिखे युवा समय से जॉब नहीं मिलने के कारण गलत रास्ता अख्तियार कर ले रहे हैं, जो आगे चलकर देश के लिए बहुत खतरनाक साबित होगा. देश के युवा भटके ना, इसके लिए उनकी काउंसिलिंग कर उन्हें समय-समय पर अवेयर करते रहना चाहिए.

कोट

प्राइवेट जॉब में आज भी यूथ्स अनसेफ फील करते हैं. इसका मेन कारण कंपनियों का तानाशाही वाला रवैया है. इसके लिए सरकार को कुछ करना चाहिए.

आकाश पांडेय

सिटी तो स्मार्ट बन रही है. यहां पर अब बड़ी-बड़ी कंपनियां भी आना चाह रही हैं. वो दिन दूर नहीं है, जब यूथ्स के पीछे जॉब दौड़ेगी.

अभय यादव

जनसंख्या वृद्धि बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण है. इसके बाद भी कोई भी सरकार इसे अपने ऐजेंडे में शामिल नहीं करती है. ये बहुत दुखद है.

नीरज शुक्ला

बिजनेस की प्रॉब्लम को भी सरकारें थोड़ा सीरियसली टेकअप करती तो लोग इस क्षेत्र में भी आसानी से आते. जीएसटी जैसा नियम बनाया गया, लेकिन इसके लिए किसी को भी ठीक से अवेयर नहीं किया गया. बहुत से लोग इस वजह से भी बिजनेस से किनारा करते हैं.

विजय सिंह

यूथ्स को अवेयर करना होगा. क्योंकि आज भी यूथ्स सरकारी नौकरी के पीछे भाग रहे हैं. जबकि बिजनेस और प्राइवेट सेक्टर में काम कर भी बहुत कुछ किया जा सकता है.

विनिता

लेडिज स्टॉफ को लेकर आज भी लोगों की सोच अच्छी नहीं हो पाई है. जबकि, प्राइवेट सेक्टर में देश की कई महिलाओं ने अपने बलबूते बड़ा मकाम हासिल किया है.

वैशाली

बिजनेस के क्षेत्र में भी सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए. इससे टैलेंटेड लोग लोन लेकर बिजनेस कर सके. आज जो लोन मिलता है तो उसकी फार्मेल्टी को ही पूरा करने में कई दिन निकल जाते हैं. इस प्रॉसेस को और आसान करना होगा.

अभिलाष

पढ़ाई के बाद युवा जॉब की तलाश में देश-विदेश भटक रहे हैं. इन्हें अगर अपने देश में ही अच्छा अवसर मिले तो इनके पलायन पर रोक लग सकता है. ये देश के लिए अच्छा काम भी कर सकेंगे.

प्रिंस सिंह

Posted By: Syed Saim Rauf