एक दूसरे के कार्यक्रम का जमकर विरोध, रामानागा को दोशद्रोही बताने के बाद निकाला कैम्पस में जुलूस

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ भवन पर मंडे को टकराव होते होते बचा। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) से जुड़े छात्र अपने अपने कार्यक्रम के आयोजन को लेकर एक दूसरे से उलझ गये। आइसा के कार्यक्रम को रोकने के लिये इविवि छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्रा की अगुवाई में एकजुट अभाविप के छात्रों ने इविवि प्रशासन की भूमिका पर भी प्रश्न चिन्ह लगाया। उधर, विरोध के मद्देनजर जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित कुमार पांडेय की अगुवाई में आइसा से जुड़े छात्रों ने कैम्पस में जुलूस निकाला और जमकर नारेबाजी की।

छात्रसंघ भवन छात्रों का

आइसा ने सोमवार की दोपहर 12 बजे छात्रसंघ भवन पर देश में बढ़ते साम्प्रदायिक और जातिवादी हमलों के सन्दर्भ में डॉ। अम्बेडकर की प्रासंगिकता विषय पर सेमिनार का आयोजन किया था। इसका विरोध छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्रा की अगुवाई में अभाविप के छात्रों ने किया। उनका कहना था कि आइसा को रोहित मिश्रा को पहले ही कार्यक्रम से अवगत करवाना चाहिये था। इनका यह भी कहना था कि आइसा से पहले उन्होंने अपना कार्यक्रम फिक्स कर रखा है। जबकि आइसा का कहना था कि उसने 20 नवम्बर को ही कार्यक्रम की अनुमति डीएसडब्ल्यू से ली थी। आइसा का कहना था कि छात्रसंघ भवन छात्रों का है। ऐसे में इविवि छात्रसंघ अध्यक्ष को कार्यक्रम पर रोक नहीं लगानी चाहिये थी।

डटे रहे एयू के अफसर

बहरहाल, रोहित मिश्रा व अन्य के भारी विरोध के बाद आइसा के छात्रों को पीछे हटना पड़ा। इन्होंने आइसा के कार्यक्रम में शामिल होने आये जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व महासचिव रामानागा को देशद्रोही बताकर कैम्पस में घुसने का विरोध किया। इसके विरोध में आइसा ने कैम्पस में जुलूस भी निकाला। जिसमें जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित कुमार पांडेय, जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व महासचिव रामानागा भी शामिल हुये। इस दौरान चीफ प्रॉक्टर प्रो। हर्ष कुमार, एक्टिंग डीएसडब्ल्यू प्रो। आईआर सिद्दकी और उनकी टीम भी मौजूद रही। जुलूस के बाद निराला सभागार में हुये आइसा के कार्यक्रम में मोहित कुमार पांडेय ने कहा कि छात्रसंघ भवन पर ताला डालकर अभाविप ने फिर साबित किया कि इनका एजेंडा केवल गुंडागर्दी करना है।

सवाल पूछने पर बताते हैं देशद्रोही

जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि अम्बेडकर के शिक्षित बनो, आंदोलित हो और संगठित वाले नारे को जमीन पर उतारकर फांसीवाद की जड़ें हिला दें। रामनागा ने कहा कि देश के अन्दर ऐसी सरकार बनी है, जिससे सवाल पूछने पर लोगों को देशद्रोही बता दिया जा रहा है। यहां सरकार की आलोचना देश की आलोचना से जोड़ दी जा रही है। जनमत के प्रधान संपादक रामजी राय ने कहा कि छात्रों को आज सच्चाई को जिन्दा रखते हुए गलत को गलत और सही को सही बताने की हिम्मत करनी होगी। सेमिनार में आइसा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामायन राम, प्रदेश सचिव सुनील मौर्य, इविवि इकाई अध्यक्ष रणविजय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अंतस सर्वानंद आदि मौजूद रहे।

दे्रशद्रोही ताकतें निशाने पर

छात्रसंघ भवन में अभाविप के रोहित मिश्रा की अगुवाई में नेतृत्व परिवर्तन समय की आवश्यकता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने राष्ट्रवादी विचारधारा को बढ़ावा देने पर जोर दिया। रोहित मिश्रा ने नेतृत्व परिवर्तन में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की बात रखी। सीएमपी छात्रसंघ अध्यक्ष विशाल सिंह ने देशद्रोही व तुच्छ राजनीति करने वालों पर तंज कसा। कार्यक्रम में सूर्य प्रकाश मिश्र एवं आनन्द सिंह निक्कु ने देशद्रोही ताकतों को निशाना बनाया।

आइसा के पास रिटेन में प्रोग्राम की कोई परमिशन नहीं थी। यही रोहित मिश्रा का कहना था। आपस में टकराव की संभावना थी। लेकिन आपसी सूझबूझ से सबकुछ निपटा दिया गया। छात्रों को आपस में समझदारी का परिचय देना चाहिये और सब्र बनाकर रखना चाहिये।

डॉ। हर्ष कुमार, चीफ प्रॉक्टर, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive