पट्टी सर्किल में पूरे साल होती रहीं सनसनीखेज वारदातें

अपराधियों ने पुलिस और आम लोगों के बीच फैलाई दहशत

PATTI : वर्ष 2015 की शुरुआत खून की होली से हुई तो थमी नहीं। पट्टी सर्किल के तीन थानों में बीत रहे वर्ष में अपराधी पुलिस व पब्लिक पर भारी रहे। इस दौरान लगातार हत्या के साथ गोली कांड की घटनाओं को अंजाम दिया गया। इससे इसकी चपेट में कंधई थाना का एक एचसीपी भी आया और पुलिस की जांच की रफ्तार ऐसी रही कि पुलिस आज तक आरोपी पुलिस के हाथ नहीं लग सके। पूरा साल सुरक्षा का दावा करने में ही बीत गया। अब नए साल में नई उम्मीद लगाए सर्किल के लोग बैठे हुए है।

वर्ष के पहले दिन मारी गई थी गोली

जनवरी 2015 के प्रथम दिन से यहां पर गोली मारने की घटना की शुरुआत हुई तो अंतिम महीने तक यह क्रम चलता रहा और पुलिस तथा अपराधियों के बीच लुकाछिपी का खेल भी जारी रहा। एक जनवरी 2015 की रात में सोनपुरा गांव में भट्टा संचालक वासुदेव यादव पर गोली चलाई गई। इसके बाद 9 जनवरी को पेट्रोल पंप कर्मचारी से 11 हजार रुपये छीनकर लुटेरे भाग निकले। 4 जनवरी को पूर्व माध्यमिक विद्यालय रानीपुर में तैनात सहायक अध्यापक देवेंद्र पांडेय की भी गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी गई। एक मई को आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के पूरा गांव में चाकू से 18 वर्षीय युवती को गोद डाला गया और बेखौफ बदमाशों ने उसका शव घर से कुछ दूर स्थित बांस की कोठ के निकट फेंक दिया।

घटनाओं से दहला रहा क्षेत्र

छह मई को गुलफाम पुत्र रफीक निवासी बरहूपुर की गोली मारकर नृशंस हत्या उस समय कर दी गई। जब वह बाजार से घर वापस जा रहा था। इसी महीनें में रेड़ीगारापुर बाजार में सर्राफा की दुकान खोलने वाले व्यवसाई संदीप को पट्टी राजाबाजार मार्ग के कठार पुल के निकट बदमाशों ने गोली मार दी और जेवर से भरा बैग बदमाश लूट ले गए। ¨सतबर माह में देवसरा क्षेत्र के बार्डर पर पूर्व प्रधान रमाकांत मौर्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इससे सुल्तानपुर जनपद में भी बवाल हुआ और देवसरा क्षेत्र का ढकवा बाजार भी इससे अछूता नहीं रह सका। बाद में देवसरा क्षेत्र के ही पतरा गांव में 70 वर्षीय गयादीन खरवार को भी मौत की नींद सुला दिया गया। कंधई थाना क्षेत्र के किशुनगंज बाजार में तो अपराधियों ने सभी सीमाएं लांघ दी। चे¨कग के दौरान यहां पर तैनात एचसीपी पर ही अपराधियों ने गोली चला दी। गंभीर स्थित में उन्हें जीवन मौत के बीच इलाहाबाद में भर्ती कराया गया तो तब उनकी जान बची। 29 अगस्त को देवसरा क्षेत्र के ही सारडीह गांव में पूर्व बीडीसी मोतीलाल मौर्य की गोली मारकर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई और मामले में नामजद आबकारी उपायुक्त आज तक पुलिस के हाथ नहीं लग सके। इसी बीच अमरगढ़ के सर्राफा व्यापारी के पुत्र को उस समय गोली मार दी गई। जब वह सुबह उठकर बगल चाय की दुकान पर बैठा हुआ था। इसी तरह कंधई थाना क्षेत्र के बनी तेरहमील के निकट जिला मुख्यालय से लौट रहे पूर्व बीडीसी जीतलाल यादव को वाहन से उतारकर गोली मार दी गई और हमलावर बाइक से भाग निकले। चुनाव के दौरान भी यहां पर बवाल हुआ और दो लोगों की जान चली गई।

दिसंबर में भी हुई घटना

इसमें आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के सेमराडीह बूथ पर अशोक यादव को गोली मारी गई तो पड़री जबर में हुई बवाल में घायल कलीम को जान से हाथ धोना पड़ा। इसके बाद कंधई क्षेत्र के पयागपुर औरिस्ता निवासी राजेश्वर सिंह को भी गोली मार दी गई और इलाज के दौरान उनकी सांसें थम गई। मतगणना के दिन 13 दिसंबर को कंधई क्षेत्र के ही खूझीकला गांव में विक्रम सिंह को भी घर के बाहर पल्सर सवार युवकों ने गोली मारी और भाग निकले। बाद में इलाज के दौरान इसकी भी सांसे थम गई। इस तरह देखा जाए तो पूरा साल अपराधी अपराध करते रहे और पुलिस उनके पीछे हांफती नजर आई। कब किसे और कैसे मौत की नींद सुला दिया गया यह कोई नहीं जान पाया। पूरे साल भय और आतंक के साए के बीच लोग यहां पर सोते जागते रहे।

वर्जन

अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की टीमें कड़ी चौकसी कर रही है। जो भी मामले अनसुलझे रह गए हैं उन्हें सुलझाने का प्रयास हो रहा है और आने वाले समय में इसमें परिवर्तन भी दिखाया देगा। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी कड़े निर्देश दिए गए हैं।

जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव

क्षेत्राधिकारी पट्टी

Posted By: Inextlive