-गाडि़यों में सीट से अधिक बैठा कर स्कूल लाए और ले जाए जा रहे हैं छात्र

-चालकों की इस हरकत और अनफिट वाहनों की वजह से खतरे हैं मासूमों की जान

ALLAHABAD: पापा के पास न तो समय है और मम्मी को न तो चिंता। सुबह-सुबह तैयार कर बच्चों को जिस वाहन से स्कूल भेज रहे हैं, उसकी कंडीशन देखने की फुर्सत इनमें से किसी को नहीं है। शायद यही वजह है कि चालक गाडि़यों में सीट से कई गुना अधिक मासूम छात्रों को बैठा कर स्कूल लाने और घर छोड़ने का काम कर रहे हैं। लगेज की तरह इन गाडि़यों में बैठाए गए नन्हें छात्रों की हालत रास्ते भर में खस्ता हो जाती है। एक तो उमस भरी गर्मी ऊपर से स्कूल वैन में ठूंस-ठूंस कर बैठाए जाने से इन छात्रों के लिए शिक्षा की डगर काफी कठिन साबित हो रही है। ऐसी स्थिति में इन वाहनों से स्कूल व स्कूल से घर तक का सफर कर रहे बच्चों की सेहत ही नहीं, जान भी खतरे में ही है। कमाई की चाह में इन मासूम छात्रों की जिंदगी व स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे स्कूल वाहनों के चालकों की तरफ न तो प्रशासन देख रहा है और न ही स्कूल के जिम्मेदार।

सीट सात और बच्चे 12

सिटी में बच्चों को स्कूल लेजाने वाले वैन चालकों की स्थिति यह है कि वैन में निर्धारित सीट से अधिक बच्चों को भर दिया जाता है। जिस स्कूल वैन में सात लोगों के बैठने की जगह होती है, उनमें 10 से 12 बच्चों को जबरन ठूस कर बैठने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा की परवाह किसी को नहीं है। यूं तो पैरेंट्स को यह सब देखने की फुर्सत नहीं है, जो पैरेंट्स देखते हैं वे भी नजरंदाज कर देते हैं। धूमनगंज के राजरूपपुर निवासी सर्वेश कुमार सिंह कहते हैं कि उनकी बेटी एसएमसी में पढ़ती है। बेटी को वह स्कूल वैन से भेजते है। वैन में बैठने की जगह नहीं होती है, उसके बाद भी उन्हें मजबूरी में वैन से भेजना पड़ता है। उन्होंने बताया कि घर की तरफ से बेटी के स्कूल की तरफ जाने के लिए एक या दो वैन संचालक ही है। ऐसे में उसी वैन से बेटी को स्कूल भेजना उनकी मजबूरी है। ऐसा ही हाल अन्य पैरेंट्स का भी है।

इस तरह की शिकायत लगातार आ रही है। जल्द ही ऐसे स्कूल वैन की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

-सियाराम वर्मा, एआरटीओ प्रशासन

Posted By: Inextlive