मौत के मुहाने पर 'मां'
-तीन दिन में छह सौ से अधिक एचआरपी महिलाएं चिंहित
- खून की कमी से हैं ग्रस्त, अस्पताल में कराया जाएगा भर्ती - जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद स्वास्थय विभाग में मचा हड़कंप ALLAHABAD: जिले में छह सौ से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की जान पर बन आई है। खून की कमी से जूझ रही इन महिलाओं को हाई रिस्क प्रेगनेंसी के दायरे में रखा गया है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। महिलाओं को अब अस्पताल में भर्ती कराने की तैयारी की जा रही है। सात ग्राम से भी कम बचा खूनहाई रिस्क प्रेगनेंसी के दायरे में आई महिलाओं के शरीर में खून की मात्रा सात ग्राम से भी कम है। स्वास्थ्य विभाग पांच फरवरी को सभी एचआरपी महिलाओं को हॉस्पिटल में भर्ती कराकर इलाज दिलाने की कोशिश में लग गया है। मातृत्व सप्तमाह के शुरुआती तीन दिन में ही चिंहित महिलाओं की कुल संख्या 645 हो चुकी है।
कब कितनी मिली एचआरपी 27 जनवरी को 173 28 जनवरी को 231 29 जनवरी को 241 बॉक्स कस्बों में ज्यादा आए मामलेहंडिया, फूलपुर और शंकरगढ़ में सर्वाधिक एचआरपी महिलाएं सामने आई हैं। इनमें खून की कमी के साथ रूटीन चेकअप में कमी की बात भी सामने आई है। इनमें से कुछ महिलाएं अर्ली प्रेगनेंसी यानी जल्दी-जल्दी गर्भधारण से भी ग्रसित हैं।
हेल्दी प्रेगनेंसी के टिप्स - कैल्शियम, ब्लड शुगर , यूरीन, एचआईवी आदि की जांच अवश्य कराएं। - समय पर टिटनेस के टीके, - नौ महीनों के दौरान अधिक भार न उठाएं और ज्यादा सीढि़यां भी न चढें। - नींबू पानी , नारियल पानी , छाछ, जूस खूब पिएं। - तला और मसालेदार न खाएं, इनसे गैस, एसिडिटी, जलन हो सकती है। - प्रेगनेंसी में डॉक्टर की सलाह के बिना दवाई न लें- - अंतिम तीन महीनों में रोजाना आयरन और फोलिक एसिड की एक गोली जरूर लें। इन बिंदुओं पर तय होता है एचआरपी - बॉडी में हीमोग्लोबिन सात ग्राम से कम हो - डिलीवरी के एक साल के भीतर दोबारा प्रेगनेंट होना - वजन का 45 किग्रा से कम होना - 45 साल से अधिक उम्र की महिला का प्रेगनेंट होना शासन के निर्देश पर मातृत्व सप्ताह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसका उददेश्य अधिक से अधिक एचआरपी महिलाओं को चिंहित करना है। उन्हें उचित और जरूरी इलाज मुहैया कराया जाएगा। डॉ। पदमाकर सिंह, सीएमओ, इलाहाबाद