Patna: कैपिटल एक्सप्रेस की 12 बोगी मंगलवार की रात पटरी से उतर गई. एक्सीडेंट इतना भयानक था कि कोच की तीन सीढ़ी तक जमीन में धंस गई और पटरी के साथ ट्रेन का चक्का टूटकर बिखर गया.


  रेल ट्रैक के खिलवाड़ किए जाने की बातरेलवे इस एक्सीडेंट की हाई लेवल जांच करा रहा है। बहरहाल आई नेक्स्ट ने इसी बहाने रेल ट्रैक के मेंटेनेंस का सच जानने की कोशिश की। इसमें लाखों लोगों की जिंदगी का भार उठाने वाली रेल ट्रैक के खिलवाड़ किए जाने की बात सामने आई जबकि हर घंटे रेल ट्रैक की पेट्रोलिंग की जाती है। गैंगमैन की टीम के पास इसकी जिम्मेवारी है। एक्सीडेंट से सीख नहीं लेता
हाल के दिनों में तीन बार ट्रेन की बोगी ट्रैक से उतर चुकी है। इस तरह की घटना बढ़ती जा रही है। लेकिन रेलवे उससे सीख नहीं ले रहा है। मंगलवार को एक्सीडेंट के बाद पटना जंक्शन से आर ब्लॉक तक ट्रैक की जांच की गई तो सैंकड़ों जगह स्लीपर और ट्रैक को जोडऩे वाली क्लिप गायब दिखी। ऐसा ज्वाइंट से लेकर कट तक पर देखा गया। हालांकि जंक्शन नजदीक होने के कारण यहां ट्रेन की स्पीड अधिक नहीं होती है लेकिन सवाल है कि यदि जंक्शन के पास यह स्थिति है तो आउटर एरिया का क्या हाल होगा? हर दिन हर घंटे गैंगमैन ट्रैक की पेट्रोलिंग करते हैं। इसके अलावे टाइम टू टाइम इंजीनियर्स भी ट्रैक की पेट्रोलिंग कर जांच करते हैं। ट्रैक को लेकर पीडब्ल्यूआई है जिम्मेवार पीडब्ल्यूआई पर ट्रैक के मेंटेनेंस की जिम्मेवारी होती है। वे गैंगमैन-ट्रैकमैन से रोजाना पेट्रोलिंग करवाकर ट्रैक को दुरुस्त रखते हैं। निश्चित जगह के लिए पेट्रोलिंग पार्टी फिक्स है जो अप-डाउन ट्रैक पर पेट्रोलिंग करती है। पेट्रोलिंग में अगर बड़ी गड़बड़ी दिखी तो यह पार्टी पीडब्ल्यूआई को सूचना देती है। पटना जंक्शन से आर ब्लॉक जितनी कम दूरी में सैंकड़ो क्लिप गायब होना ट्रैक की निगरानी पर सवाल खड़ा करता है।जंक्शन पर भी गायब है क्लिपजंक्शन के भीतर भी कई जगह क्लिप गायब है। प्लेटफार्म नंबर एक के ट्रैक पर जन आहार के सामने ट्रैक की क्लिप निकली हुई थी। जबकि यहां इंजीनियर से लेकर दूसरे बड़े ऑफिसर्स मौजूद होते हैं। यहां कुछ दिन पहले ही मगध एक्सप्रेस का इंजन पटरी से उतर गया था। आवारा बच्चे निकाल लेते हैं क्लिप

ट्रैक को स्लीपर से जोडऩे वाली क्लिप लोहे की होती है। इसका वजन भी ठीक-ठाक होता है। जंक्शन पर घूमने वाले आवारा बच्चे पॉकेट मनी के लिए क्लिप को निकाल लेते हैं। उसे बेचकर वे अपना पॉकेट मनी चलाते हैं। कभी-कभी ट्रेन की स्पीड की वजह से भी क्लिप निकल जाती है। उसे ऐसे लोग चुन लेते हैं।तीन महीने के भीतर तीन एक्सीडेंट16 अगस्त को महानंदा एक्सप्रेस उलटने से बची।27 अगस्त को मगध एक्सप्रेस का इंजन पटरी से उतर गया।15 अक्टूबर को कैपिटल एक्सप्रेस की 12 बोगी पटरी से उतर गई।हमें इस बात की जानकारी नहीं है। यह सीरियस मैटर है। ट्रैक को हर हाल में दुरुस्त रखना है। बड़ी संख्या में क्लिप निकली हुई है तो कंसल्टेंट डिपार्टमेंट से इस बारे में बात की जाएगी। जल्द ही उसे ठीक कर लिया जाएगा।आरके सिंह, पीआरओ, दानापुर डिविजन। hindi news from PATNA desk, inext live   Posted By: Inextlive