-ओम घाट में चल रहा है चालीस दिवसीय कल्पवास

FATEHPUR: गंगा तीरे सजी आध्यात्मिक नगरी में कल्पवासी मानस और अध्यात्म का पाठ पढ़ रहे है। ईश भक्ति के पथ पर अग्रसर कल्पवासियों को साधु संत जीवन के यम-नियम बताकर प्रभु कृपा प्राप्त करने का मार्ग बता रहे हैं। मानस मे कैकई व मंथरा संवाद के बीच राम राज्याभिषेक की कथा सुन कल्पवासी निहाल हो गए।

सोमवार को गुनगुनी धूप निकली तो गंगा किनारे का माहौल और भक्तिमय हो गया। कल्पवासी अपनी अपनी राउटी से निकल कर धूप में बैठ गए। संत समागम के बीच कथा और धार्मिक चर्चा शुरू हुई तो कल्पवासी मंत्र मुग्ध हो गए। संत अनंतानंद जी महराज ने राम राज्याभिषेक की कथा सुनाई। जिसमें उन्होंने कैकेई और मंथरा के संवाद पर विषय केन्द्रित किया। बोले लालच वह चीज है जो सब कुछ तहस नहस कर देता है। मंथरा के उकसाने पर कैकयी को राजपाट का लालच आ गया और अन्तत: श्री राम को क्ख् वर्ष बनवास बिताना पड़ा।

Posted By: Inextlive