राजनीति जो ना कराए वो कम है अब यही देखिए धर्म को लेकर राजनीति करने वाले राजनैतिक दल भी अलग राग अलापने लगे हैं। कुछ दिनों से मुंबई में मीट पर बैन को लेकर लगातार बढ़ते बवाल के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने साफ कर दिया है कि उन्हें मीट पर प्रतिबंध मंजूर नहीं है।


जैन पर्व पर लगे मीट बैन पर है विवाददरसल मुंबई में इन दिनों जैन पर्व का आयोजन हो रहा है जिसके दौरान नगर निकायों द्वारा मांस की बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। इसी बारे में प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने कहा कि वह तय करेगी कि इस तरह का कोई प्रतिबंध लागू नहीं हो। शिवसेना का रुख तब आया है जब विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी पार्टीयों ने मुबई नगर निगम के आदेश के बाद उसकी आलोचना की है। मीरा भायंदर में आठ दिन का प्रतिबंध


मुंबई के मीरा भायंदर में 8 दिनों तक मीट की बिक्री बैन कर दी गई है। पहले शिवसेना और भाजपा  सहित नगर निगम ने मंगलवार को घोषणा की थी कि जैन समुदाय के पर्यूषण पर्व के दौरान 11 सितम्बर से 18 सितम्बर तक आठ दिन के लिए मांस की बिक्री रोक दी जायेगी। इसके बाद एसीपी के नियंत्रित वाले नवी मुंबई नगर निगम ने भी 17 सितम्बर तक पर्यूषण पर्व को देखते हुए मांस की बिक्री रोकने की घोषणा की लेकिन मंगलवार को अपने इरादे को पलटते हुए पार्टी ने कांग्रेस का साथ देने का फैसला किया और मांस की बिक्री रोकने पर आपत्ति जतायी। शिव सेना का यू टर्न

इसके बाद ही अब मामले पर यू टर्न लेते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा ने भी घोषणाकर दी है कि उनकी पार्टी सुनिश्चित करेंगी कि आठ दिन तक मांस की बिक्री पर प्रतिबंध ना लगाया जा सके। उद्धव का कहना है कि छोटी छोटी बातों को धर्म से जोड़ना ठीक नहीं है इससे समाज में असंतुलन पैदा होता है। हालाकि बीजेपी ने इस मामले में कहा है कि ये नगर निकायों का निर्णय किया है और इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है। वहीं एनसीपी ने आदेश पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिए यह बीजेपी का षड्यंत्र है, जो 2017 में होने वाले निकाय चुनावों के मद्देनजर ऐसा कर रही है।

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Posted By: Molly Seth