Jamshedpur: सिटी से चल रही सभी कोच बसेज से स्लीपर बर्थ हटाने को लेकर डिट्रिक्ट एडमिनिस्टेशन ने कमर कस ली है. हाल ही में स्टेट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से इस संबंध में डीसी अमिताभ कौशल के पास एक नोटिस आया था.

बेधडक़ चल रही कई बसेज
डीसी के आदेश पर एसी बसेज की  लिस्ट तैयार कर ली गई है। इस लिस्ट के अकॉर्डिंग सिटी से यूपी और बिहार के लिए करीब 102 बसेज जबकि ओडि़शा के लिए 16 बसेज चल रही हैं। डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिस के असिस्टेंट डीटीओ रजनीश कुमार ने बताया कि परमिट तो रांची आरटीओ से इश्यू होता है। हमारे यहां केवल रजिस्ट्रेशन और टैक्सेशन का काम होता है। फिलहाल 2003-04 से लेकर अब तक कुल 446 बसेज का रजिस्ट्रेशन हुआ है। स्लीपर बसेज को लेकर बनाई गई लिस्ट के अकॉर्डिंग सिटी से करीब 118 बसेज चल रही हैं। मानगो बस स्टैंड स्थित ओल्ड पुरुलिया स्टैंड के बाबा शंकर ट्रैवेल एजेंसी के ट्रैवेल एजेंट सुधीर ने बताया कि ओल्ड पुरुलिया बस स्टैंड और रांची बस स्टैंड को मिलाकर करीब 250 बसेज चलती हैं, जिनमें से करीब 70 परसेंट स्लीपर बसेज हैं। जो पिछले कई सालों से चल रही हैं। पता नहीं क्यों अचानक स्लीपर बर्थ को हटाने की बात की जा रही है।

सीधी बात

रिपोर्टर-अगर बसेज में स्लीपर बर्थ एड करना अलाउ नहीं है तो ऐसी बसें कैसे चल रही हैं?
एमवीआई - किसी भी बस में स्लीपर बर्थ एड करना इल्लीगल है। दरअसल ये जगह सामान रखने के लिए होती है। एमवी एक्ट 39 और 40 के अकॉर्डिंग आप गाड़ी की चेचिस के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते। ऐसा करने पर पांच हजार रुपए फाइन चार्ज किया जाता है।
रिपोर्टर - अगर बसेज में स्लीपर लगाना इल्लीगल है तो इन बसेज को फिटनेस सर्टिफिकेट कैसे प्रोवाइड कर दिया जाता है?
एमवीआई - जब भी कोई बस का फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने आता है, तो बस का प्रॉपर इंस्पेक्शन किया जाता है। उस टाइम तक स्लीपर एड नहीं होता है। ये लोग फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के बाद बस का मोडिफिकेशन करके स्लीपर बर्थ एड करते हैं।
रिपोर्टर - क्या फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना बसेज चल सकती हैं?
एमवीआई - नहीं। अगर कोई बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पकड़ा जाता है तो भी उस पर पांच हजार रुपए का फाइन चार्ज किया जाता है।
रिपोर्टर - ये फिटनेस सर्टिफिकेट  कितने दिन तक वैलिड रहता है?
एमवीआई - नई गाडिय़ों के लिए दो साल और ओल्ड के लिए एक साल।
रिपोर्टर - काफी पुरानी एसी बसेज को फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर होने के बाद दोबारा कैसे प्रोवाइड कर दिया जाता है?
एमवीआई - पता नहीं कैसे पर मैं तो नहीं करता। यही लोग कुछ घालमेल करता होगा।

Report by: rajnish.tiwari@inext.co.in

Posted By: Inextlive