भारतीय सेना के 10 हथियार जिनका नाम सुनते ही दुश्मनों के छूट जाते हैं पसीने
1. INS कोच्ची
सेना के किस अंग में : INS कोच्ची इंडियन नेवी में 2009 में शामिल हुई थी।
खासियत : INS कोच्ची युद्ध पोत रडार की पकड़ में न आने वाली मिसाल से लैस है। जो काफी दूरी पर दुश्मनों को सबक सिखाने में सक्षम है। यह मिसाइन सिस्टम संदिग्ध गतिविधियों को भांप कर तुरंत उस दिशा की ओर मिसाइल लॉन्च कर देता है जिस दिशा की ओर से हलचल का जरा भी एहसास होता है।
सेना के किस अंग में : भारतीय सेना के स्नाइपर इस हथियार का इस्तेमाल करते है।
खासियत : इसकी कारगर रेंज 800 मीटर है। यह राइफल एक मिनट में 30 राउंड तक फायर कर सकती है।
महत्वपूर्ण उपलब्धि : कारगिल युद्ध में यह हथियार भारतीय सेना के निशानेबाजों के लिए पाकिस्तानी दुश्मनों से लोहा लेने में काफी मददगार साबित हुई थी।
5. सुखोई Su-30 MKI
सेना के किस अंग में : इस रशियन खतरनाक लडा़कू विमान को इंडिया ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स की मदद से देश में ही बनाया है जिसे 2002 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था।
खासियत : ये लडा़कू विमान टू सीटर होते हैं जिनकी रफ्तार 2100 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह विमान 3000 किलोमीटर की रेंज में आने वाले किसी भी दुश्मन के लिए यमराज है।
सेना के किस अंग में : भारत ने 2013 में अमेरिका से इसे खरीद कर इंडियन एयरफोर्स का हिस्सा बनाया था।
खासियत : इसकी लगभग 80 टन के साथ 150 सैनिकों का भार भी ढोने की क्षमता है। इसका इस्तेमाल युद्ध के हालात में जल्द से जल्द सैनिकों तक हथियार पहुंचाने में किया जाता है।
महत्वपूर्ण उपलब्धि : इस विमान का इस्तेमाल उत्तराखण्ड आपदा में लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने में की गई थी।
सेना के किस अंग में : ब्रह्मोस मिसाइल को इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी और इंडियन एयरफोर्स इस्तेमाल करते हैं।
खासियत : ये मिसाइल 3,400–3,700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जमीन या पानी की सतह से 450 किलोमीटर और हवा से 400 किमी तक मार करने में सक्षम है। यह मिसाइल 300 किलो तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। इससे परमाणु हथियार भी लांच किया जा सकता है।