देश में आज से 40 साल पहले तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमजेंसी का दिन आज भी उस दौर के लोगों को अच्‍छे से याद है। उनके इस कदम से देश में जैसे भूचाल सा आ गया था लेकिन शायद उनके इस कदम का विरोध करने की किसी में ताकत नहीं दिख रही थी। इस दौरान जयप्रकाश नारायण ही एक ऐसे ही शख्स थेजिन्होंने बिना किसी परवाह के अकेले दम पर तत्कालीन इंदिरा सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था। ऐसे में उनके इस जोशीले कदम को देखकर फिर बिहार और गुजरात के अरुण जेटली लालू प्रसाद यादव रवि शंकर प्रसाद नीतीश कुमार समेत कई छात्र नेता उनके साथ हो चले फिर क्‍या देखते ही देखते उनका एक छोटा सा काफिला संपूर्ण क्रांति में तब्‍दील हो गया। ऐसे में आइए आज इस विशेष दिन पर आज उन नेताओं के बारे में जाने जो इमरजेंसी में नायक बन गए ...

जार्ज फर्नांडीज:
1975 में जयप्रकाश नारायण के इमरजेंसी के खिलाफ आंदोलन में देश के रक्षा मंत्री रह चुके जार्ज फर्नांडिज भी मुख्य रूप से शामिल रहे। उस समय वह ऑल इंडिया रेलवेमैन्स फेडेरेशन के अध्यक्ष थे।

लालू प्रसाद यादव:

आपातकाल के विरोध में 1975 में हुए जेपी आंदोलन में लालूप्रसाद यादव ने भी अहम भूमिका निभाई थी। उस समय लालू प्रसाद भी लगभग छात्र राजनीति से ही आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। इस आंदोलन के बाद ही वह जनता पार्टी के टिकट पर 1977 में सांसद बने।


नीतीश कुमार:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस जेपी आंदोलन में शामिल हुए थे। नीतीश कुमार की उम्र उस समय 24 साल थी और वह राजनीति के क्षेत्र में शुरूआती कदम रख चुके थे।

Hindi News from India News Desk

Posted By: Shweta Mishra