नो डाउट... बेरोजगारी बुरी चीज है लेकिन यही कुछ लोगों को रोजगार भी देती है. आज-कल रोजगार कार्यालय पर बेरोजगारी भत्ते के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों की जबर्दस्त भीड़ जुट रही है

SANDEEP TOMAR

MEERUT : नो डाउट बेरोजगारी बुरी चीज है, लेकिन यही कुछ लोगों को रोजगार भी देती है। आज-कल रोजगार कार्यालय पर बेरोजगारी भत्ते के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों की जबर्दस्त भीड़ जुट रही है तो कई लोगों को रोजगार मिल गया है। चाय-पान और नमकीन वाले इस अवसर को जमकर कैश कर रहे है। सबसे ज्यादा मौज दलालों की है।
इट्स सेटिंग गेम
कचहरी में रोजगार कार्यालय के बाहर। बस्ता लगाने वालों ने रोजगार कार्यालय के कर्मचारियों से सेटिंग कर ली है। अब इन लोगों ने दलाली का काम शुरू कर दिया है। कार्यालय के कर्मचारी पब्लिक को जानबूझ कर परेशान करते हैं, उनका फार्म जमा करने में आनाकानी करते हैं। ताकि पब्लिक बस्ता लगाने वालों से ही काम करवा ले। बस्ता लगाने वालों ने अपने रेट फिक्स कर दिए है। फार्म पांच रुपए और फार्म जमा कराने के सौ रुपए लिए जा रहे है।

पचास फॉर्म रोज
पहले कभी नोटरी करके काम चलाने वालों की चांदी कट रही है। आदर्श महीना पहले मक्खी मारा करता था, लेकिन आज उसके पास बात करने का भी टाइम नहीं है। वो दिन में कम से कम पचास लोगों के फॉर्म जमा करा रहा है। आर्दश का कहना है कि यहां पर सभी लोगों ने यही काम शुरू कर दिया है।

फॉर्म छुपा लिए
एक और नोटरी वाले ने हमारा कैमरा देखते ही अपने फार्म टेबल के नीचे छुपा लिए। और कैमरा मेन को फोटो खींचने से रोकने लगा। बोला कि भैया मेरी फोटो क्यों ले रहे हो। मैं कोई गलत काम तो कर नहीं रहा हूं। पास खड़े करीब बीस लोगों ने भी विरोध शुरू कर दिया, जो अपने फॉर्म जमा करने का ठेका उसे दे रहे थे।

चाय बिकने लगी
रामपाल कचहरी में चाय का ठेला लगाते हैं। क्योंकि रोजगार कार्यालय आउटर पर है। तो हर कोई भीतर चला जाता है। इसलिए वो पहले कचहरी में अंदर ही चाय बनाते थे। लेकिन अब जब से यहां पर भीड़ बढ़ी है। रामपाल ने कार्यालय के बाहर ही डेरा जमा लिया है। सुबह ग्यारह बजे तक वो करीब चालीस चाय बेच चुके थे। रामपाल की देखा-देखी कुछ और चाय की दुकानें शुरू हो गईं। सुदेश ने भी अब यही पर चाय का स्टाल लगा लिया है।

चटपटी नमकीन
जहां पर सभी को बेरोजगारी भत्ता मिलने की बात हो रही है, वहां पर इस लडक़े को अपना पेट पालने के लिए नमकीन बेचनी पड़ रही है। ये अजीत की मजबूरी है कि वो पढऩे की उम्र में नमकीन बेच रहा है। बहरहाल जो भी हो, इस बढ़ी हुई भीड़ ने उसकी इनकम बढ़ा दी। पहले दिन में 150 रुपए कमाता था, वहीं अब 250 रुपए तक मिल जाते हैैं।

पान-सुपारी भी चल पड़े
रोजगार कार्यालय के बाहर बीड़ी, पान, गुटखा बेचने वालों ने भी अपना अड्डा बना लिया है। सुरेंद्र सुबह ही अपनी दुकान सजा लेते है। उनका कहना है कि अधिकतर लोग जो यहां आते है चाहे चाय पिए या ना पिए लेकिन बीडी, पान, गुटखे का शौक जरूर रखते हैं। पहले उनका काम दिन में 200 रुपए तक होता था। लेकिन अब दिन में 400 रुपए कहीं नहीं गए। जैसे-जैसे यहां पर भीड़ कम हो रही है, कमाई भी कम हो रही है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले तो इतनी भीड़ हो गई थी कि माल कम पड़ गया था।

काउंटर पर बीस लोग,
रजिस्ट्रेशन 2100 का

हमारी टीम ने रोजगार कार्यालय में जाकर कई घंटे वहां का माहौल देखा। काउंटर पर ज्यादा से ज्यादा बीस लोगों की भीड़ थी। लेकिन कार्यालय अधिकारी वाई एन लाल का कहना है कि 2100 रजिस्ट्रेशन कराए गए। सवाल उठता है कि जब काउंटर पर भीड़ ही नहीं थी तो 2100 रजिस्ट्रेशन कहां से हो गया। हो न हो, ये रजिस्ट्रेशन बाहर बस्ता लगाने वालों द्वारा ही कराए जा रहे हैं।

कोई भी करा सकता है रजिस्ट्रेशन
रोजगार कार्यालय पर रोजगार या बेरोजगारी भत्ते के लिए आने वालों के लिए कोई क्वालीफिकेशन तय नहीं है। कार्यालय अधिकारी वाई एन लाल का कहना है कि भारत में कहीं भी रहने वाला कोई भी आदमी यहां पर रजिस्ट्रेशन करा सकता है। बस उसके पास अपनी एजूकेशन के सर्टिफिकेट होने चाहिए। चाहे हाई स्कूल हो या उससे ज्यादा। शासन से ऐसी कोई गाइड लाइन नहीं आई है जिसमें लिखा हो कि सिर्फ यूपी वाले ही रजिस्ट्रेशन करा सकते है।

Posted By: Inextlive