करेंसी के चेंज और 500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने के बाद से कई लोगों को अलग अलग तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा होगा। इनमें से कुछ रोजमर्रा के खर्चे से जुड़ी हैं कुछ जरूरी भुगतान और अदायगी से पर आज जो हम बताने जा रहे हैं वो बिलकुल हट कर है। अब आप बताइये एक रहजन या चोर क्‍या आम आदमी नहीं होता तो उसके बारे में किसी ने क्‍यों नहीं सोचा। हैरान हो गए चलिए पढ़िए ये खबर


ऐसा भी हो सकता है ग्रेटर नोएडा के एक मजदूर विकास कुमार के साथ जो हुआ उसे जान कर आप समझ लीजिए कि नोटों की इस क्राइसिस में ऐसा भी हो सकता है। विकास अपनी दिहाड़ी लेकर वापस जा रहे थे। उस समय रात के लगभग 11बजे थे। उनकी जेब में 1500 रुपए थे और तीनों नोट 500 के थे। अचानक बाइक पर सवार दो लोग आये और उनको धमका कर उनका बटुआ छीन लिया। लुटे पिटे विकास आगे बढ़ने लगे कि अचानक चोर वापस आ गए।वापस कर दिए पैसे
इस बार उन्होंने उन्हें धमकाया नहीं बल्कि थप्पड़ों से पिटाई कर दी। विकास ने कहने की कोशिश की कि अब उनके पास कुछ नहीं है। तभी चोरों ने बटुआ उनके मुंह पर मार दिया। इसके बाद वो वहां से चल दिए। जाते जाते ये कह गए कि 500 के नोट क्यों रखे 100, 100 के नोट नहीं रख सकता था। हालाकि नोट वापस मिलने के बाद विकास ने पुलिस में कोई रिर्पोट नहीं लिखाई, लेकिन स्थानीय थाने का कहना है कि रिर्पोट होती तो वे पूछताछ जरूर करवाते। बहरहाल ऐसी घटना भी हो सकती है ये सोचना जरा मुश्किल ही था।

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Posted By: Molly Seth