- जागरण पहल एवं संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष का संयुक्त सर्वे

- सर्वे में प्रदेश के पांच जिलों के 19 कॉलेजों को किया गया शामिल

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PATNA (7 March): राजधानी के कॉलेजों की एक तिहाई लड़कियां दुबलेपन की शिकार है। क्योंकि इनका बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) मान क्8.भ् से कम है। यह बात जागरण पहल व संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष द्वारा वर्ष ख्0क्क् में कराए गए संयुक्त सर्वे में सामने आया है।

सर्वे में बताया गया कि पटना, आरा और गया जिलों में फ्क् से फ्फ् फीसदी छात्राओं ने क्8.भ् से कम बीएमआई मान का प्रदर्शन किया, जो पोषण की चिरकालिक कमी का द्योतक है। अन्य दो जिलों अर्थात मुजफ्फरपुर और भागलपुर में एक तिहाई से अधिक छात्राएं (फ्म् से ब्0 फीसदी) हैं, जो काफी दुबली थीं।

क्क् फीसदी लड़कियां काफी दुबली

सर्वे के मुताबिक, क्क् फीसदी लड़कियों को काफी ही दुबला श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि इसका बीएमआई मान क्7 से कम है। यह आंकड़ा पटना, आरा और भागलपुर जिलों में अधिक यानी क्ब्-क्भ् फीसदी के आसपास था। शेष दो जिलों में भ्-7 फीसदी लड़कियां इस श्रेणी में थीं। मोटापे के मामले में (ख्भ् से अधिक बीएमआई मान) लड़कियां अपेक्षाकृत कम थी। पटना में केवल करीब 7 फीसदी लड़कियों ने ख्भ् से अधिक बीएमआई मान की सूचना दी, जबकि अन्य जिलों में यह आंकड़ा इससे भी कम था।

दुबलेपन का मापदंड

'दुबलेपन' या भयंकर कुपोषण को परिभाषित करने के लिए क्8.भ् के कट ऑफ प्वाइंट का प्रयोग किया जाता है। ख्भ् या इससे अधिक का बीएमआई मोटापे का सूचक होता है। बीएमआई मान की सामान्य रेंज क्8.भ् से ख्ब्.9 के बीच होती है। बीएमआई मान आयु से स्वतंत्र होते हैं और स्त्री एवं पुरुष दोनों के लिए समान होते हैं।

इन शहरों को किया गया शामिल

सर्वे में प्रदेश के पांच जिलों के क्9 कॉलेजों को शामिल किया गया है। इनमें पटना, मुजफ्फरपुर, आरा, गया और भागलपुर के कॉलेजों की छात्राएं शामिल हैं।

Posted By: Inextlive