तीन साहसी यजीदी लड़कियों ने बयां की कहानी कैसे उन्‍होंने हथियारों को हाथों में थामकर ISIS के खिलाफ कदम उठाया। इन महिलाओं ने न सिर्फ इन आतंकियों के खिलाफ कदम उठाया बल्‍िक संगठन के 10 आतंकियों को मार भी गिराया। माउंट सिंजार पर यजीदी नरसंहार को रोकने के लिए इन महिलाओं ने ये साहस भरा कदम उठाया।


ऐसी है जानकारी इन महिलाओं ने ये फैसला तुर्की में अपने जीवन की आशाओं को पीछे छोड़ते हुए लिया और बढ़ गईं आगे उत्तरी इराक में कुर्दिस्तान की ओर। उन्होंने ऐसा सख्त फैसला इसलिए लिए ताकि यजीदियों की सुरक्षा के लिए कुछ किया जा सके। ग्रुप की 22 वर्षीय महिला रोजा ने बताया कि जब उन्होंने ISIS के सिंजार आ कर दो महिलाओं को मारने की खबर सुनी। ये सुनते ही वो इस तरह के बड़े और गंभीर मानवीय संकट को रोकने के लिए आगे आ गईं।ISIS आतंकियों ने किया था ऐसा


ISIS ने बीते साल अगस्त में माउंट सिंजार के गांवों में छापा मारकर और समुदायों को लूटकर यहां से यजीदी जाती सफाया करना शुरू कर दिया। वे लोग गांवों में हथियार लेकर जाते थे और पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को घरों से बाहर निकालते थे। उसके बाद तीनों को अलग-अलग कतार में खड़ा होने के लिए कहते थे। उसके बाद पुरुषों से इसाई धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म अपनाने को कहा जाता था। इसपर अगर उन्होंने मना कर दिया तो उन्हें ट्रकों के नीचे कुचल दिया जाता था। इनके अलावा महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को मोसल और रक्का जैसे शहरों में ले जाकर उन्हें वैश्यावृत्ित में धकेल दिया जाता था।तुर्की से आना था बड़ा मुश्िकल डेजली ने बताया कि तुर्की से यात्रा करना बहुत मुश्िकल था। जब वो वहां पहुंची तो तापमान काफी चिलचिलाता हुआ था, लेकिन उन्होंने खुद को इसके मुताबिक बनाया। इनके ग्रुप की आखिरी सदस्य 26 वर्षीय राप्राइन ने बताया कि जंग के मैदान तक पहुंचने से पहले उन्होंने बहुत कुछ झेला। तुर्की ने हाल ही में इराक में ISIS, PKK और सीरिया के खिलाफ बॉम्बिंग अभियान शुरू किया था।डरते हैं महिलाओं से

इन महिलाओं ने बताया कि सिंजार में हालात अभी भी संगीन हैं, लेकिन जल्द ही अब वो सही होंगे। इन्होंने बताया कि इन्होंने खुद अपनी आंखों से मासूम बच्चों को खून से लथपथ होते देखा है। इनकी मानें तो इस्लामिक स्टेट जितना अपनी बातों से खौफ बनाता है, उतनी सैन्य ताकत उनके पास नहीं है। उन्होंने बताया कि हर कोई सिर्फ नाम सुनकर ISIS से डरते हैं, लेकिन असल में वो इतने ताकतवर नहीं हैं। इन महिलाओं ने बताया कि ISIS के यं आतंकी खुद को ताकतवर बनाने के लिए ड्रग्स का सेवन करते हैं। उन्होंने इस बात का दावा किया है कि ISIS के सैनिक महिलाओं के हाथों मारे जाने से बहुत डरते हैं। जैसा कि वो मानते हैं महिलाओं के हाथों मरने से जन्नत नसीब नहीं होती। उनको जैसे ही मालूम पड़ता कि लड़ाकों में महिलाएं शामिल हैं, वो वहां से भाग जाते हैं।Courtesy by Mail Onlineinextlive from World News Desk

Posted By: Ruchi D Sharma