5.18

बजे चंद्रग्रहण का स्पर्श काल शाम

07

बजे चंद्रग्रहण का मध्य काल

8.42

बजे चंद्रग्रहण का मोक्ष काल रात

8.30

बजे सुबह चंद्रग्रहण का सूतक काल

माघी पूर्णिमा के दिन लग रहा है इस साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण

मेला क्षेत्र में अनुष्ठान करने वाले ग्रहण के बाद रात में भी करेंगे स्नान

ALLAHABAD: संगम की रेती पर जप-तप व अनुष्ठान की एक माह तक अनवरत साधना करने वाले श्रद्धालु माघी पूर्णिमा के दिन भी मेला क्षेत्र में रुकेंगे। पूर्णिमा के दिन इस साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण लगने जा रहा है जो पूरे देश सहित इलाहाबाद में भी तीन घंटे से अधिक समय तक दृश्यमान रहेगा। शास्त्रों में वर्णित है कि चंद्रग्रहण के मोक्ष काल के बाद गंगा स्नान किया जाता है। ज्योतिष उत्थान केन्द्र के निदेशक पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि 31 जनवरी को मेला क्षेत्र में रहकर पुण्य की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु रात में 8.42 बजे ग्रहण के मोक्ष काल पर भी स्नान-दान करेंगे और अगले दिन प्रतिपदा पर अपने गंतव्य को रवाना होंगे।

ग्रहण काल में नहीं की जाती यात्रा

मेला क्षेत्र में करीब एक लाख श्रद्धालु दो जनवरी से जप-तप व अनुष्ठान जैसे धार्मिक कार्यो की साधना कर रहे हैं। श्रद्धालुओं का यह कल्पवास पौष पूर्णिमा से लेकर माघी पूर्णिमा तक किए जाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस साल चंद्रग्रहण के स्पर्श काल शाम 5.18 बजे से आठ घंटे पहले सूतक काल लग जाएगा। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के संरक्षक व नागेश्वर धाम अन्न क्षेत्र के संयोजक स्वामी महेशाश्रम ने बताया कि पुराणों में वर्णित है कि जिस दिन ग्रहण लगता है उस दिन यात्रा करना अशुभ होता है। इसलिए सभी दंडी संन्यासी एक फरवरी को मेला क्षेत्र से वापस जाएंगे।

यह अद्भुत संयोग है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लग रहा है। उस दिन भोर से ही पुण्य की डुबकी लगाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। रात में भी स्नान-दान करने वालों की मेला क्षेत्र में भीड़ उमड़ेगी। इसलिए एक माह की साधना करने वाले श्रद्धालु अगले दिन मेला क्षेत्र से जाएंगे।

पं। विनय कृष्ण तिवारी, ज्योतिषाचार्य

Posted By: Inextlive