भारत के इस गांव में 'लिव इन' की इजाजत, बच्चा होने पर करनी पड़ती है शादी
भारत की है यह प्रथा
भारत में खासतौर पर गांव का माहौल पाश्चात्य संस्कृति को अपनाने से काफी कतराता है। गांवों की खाप पंचायतें लड़कियों के फोन इस्तेमाल से लेकर जींस पहनने पर रोक लगा देती हैं। लेकिन राजस्थान के एक गांव ने इस सब पुरानी मान्यताओं और प्रथाओं से ऊपर उठकर 'लिव इन' को इजाजत दी है। देश के ज्यादातर लोग मानते हैं कि लिव इन रिलेशनशिप हिन्दुस्तान में हाल के कुछ सालों में आया है। लेकिन सच यह है कि यह एक हजार साल पुरानी पंरपरा हिन्दुस्तान में पैदा हुई।
यह लिव इन है काफी बेहतर
आज के दौर के लिव इन रिलेशनशिप से तुलना करने पर हिन्दुस्तान की एक हजार साल पुरानी लिव इन रिलेशनशिप ज्यादा बेहतर लगती है। राजस्थान के उत्तर-पश्चिम में गारासिया जनजाति के लोग रहते हैं। इस जनजाति में लिव इन रिलेशनशिप मान्य है। हैरत की बात यह है कि यहां लिव इन रिलेशनशिप शादी में तब बदलती है, जब लड़का और लड़की एक-दूसरे का भार उठाने में सक्षम हो जाते हैं। गारासिया लोग जिंदगी भर बिना शादी किए एक साथ रह सकते हैं। इसका एक ताजा उदाहरण भी देखने को मिला। जब बीते दिनों इन जनजाति के 70 साल के ननिया और 60 साल की काली ने शादी की। लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले इनके तीन बच्चों ने भी इसी दिन अपनी शादी की। ननिया और काली ने शादी किए बिना ही तीनों बच्चे पैदा किए थे।