11 साल तक इस आदमी के साथ होता रहा बलात्कार
चाचा ने किया पहला शिकार
इस आदमी ने अपने दर्द को फेसबुक पर पोस्ट किया है। इस शख्स ने लिखा कि उसके साथ यह गंदी हरकत किसी और ने नहीं बल्िक चाचा ने की थी। 'वह जब सात साल के थे तब उनके चाचा उन्हें नहला रहे थे। जहां पर उन्होंने मुझे ब्लो जॉब करने के लिए प्रेशर डाला। यही नहीं उन्होंने मेरे साथ सेक्स भी किया। उस समय मुझे कुछ समझ मे नहीं आया कि मेरे साथ क्या हुआ है। मैं अपने घर पहुंचा जहां मैं सीधे अपने बेड पर जाकर लेट गया। मैं चाहता था कि इस सदमे से जल्द से जल्द बाहर निकल आऊं। हालांकि स्थितियां तब भी नॉर्मल नहीं हो पाईं क्योंकि 12 साल का होने पर मेरे चाचा और उनके दोस्तों ने मिलकर मेरे साथ गैंगरेप किया। मुझे बहुत खून निकल रहा था लेकिन मैं चुपचाप यह सहता रहा। यह काफी मुश्किल था क्योंकि दर्द काफी होने लगा था।'
जेंट्स बाथरुम जाने पर लगता था डर
इस फेसबुक पोस्ट के जरिए रेप पीड़ित ने यह भी बताया कि, वह जेंट्स बॉथरुम जाने से भी डरते थे। हालांकि जब वह 17 साल के हुए तब उन्हें धीरे-धीरे समझ आने लगा कि, उनके साथ जो कुछ भी हुआ वह गलत हुआ। वह आगे लिखते हैं कि, 'मैंने इसका विरोध करने का फैसला ले लिया क्योंकि मैं इतने सालों से कई बार रेप का शिकार बन चुका था। ऐसे में मैंने अपनी मां को इसके बारे में बताया। वह काफी शॉक्ड हो गईं थी। मां ने तब कहा कि, वह नहीं जानती थीं कि लड़कों के साथ भी ऐसा होता है।'
मर्दों के लिए नहीं बना कोई कानून
इस शख्स ने बचपन में जब अपने दोस्तो से इस बात जिक्र किया तो उसका काफी मजाक उड़ाया गया। उसको बेइज्जती झेलनी पड़ी। उसको यह एहसास होने लगा कि वह 'गे' है। ऐसे में जब कानून का सहारा लेने की कोशिश की तो पता लगा कि लड़को के चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज के लिए कोई कानून ही नहीं है।
दूसरों के अधिकारों की लड़ाई
ये सोचकर उसने संतोष कर लिया कि जब कोई केस ही नहीं बनता तो कैसी सजा। अब यह शख्स दूसरे बच्चों की मदद करता है ताकि वह ऐसी दरिंदगी का शिकार न हो सके। बच्चों, महिलाओं और एलजीबीटी समुदाय के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ता है।
धारा 377 से न्याय की उम्मीद
भारत में मर्दों के साथ रेप की खबरें कम ही दिखाई जाती हैं। वहीं इसके दोषियों को सजा देने के लिए कोई कानून भी नहीं बना है। भारतीय दंड संहिता की धारा 375 मर्दों को रेप का पीड़ित मानती ही नहीं है। मर्द सिर्फ धारा 377 से न्याय की उम्मीद कर सकते है जो देश में अभी विवाद का विषय है।