खाद्यान्न घोटाला

मेरठ में हुए राशन घोटाले के बाद अब वितरण का संकट

शहर और देहात के ज्यादातर क्षेत्रों में नहीं मिल रहा राशन

Meerut : इस बार त्योहार में फांके पड़ने की नौबत आ रही है। मेरठ के ज्यादातर क्षेत्रों में राशन वितरण की प्रणाली धड़ाम पड़ी है तो वहीं जिला प्रशासन इस माथापच्ची में जुटा है कि 'राशन का वितरण कैसे हो'? शहरी क्षेत्र में 150 राशन की सरकारी दुकानों को निरस्त कर दिया गया है तो वहीं वैकल्पिक व्यवस्था भी चरमरा रही है।

नहीं हो रहा वितरण

राशन वितरण के लिए हर माह की पांच तारीख निर्धारित है, मेरठ में हुए खाद्यान्न घोटाले का असर आम जनता पर पड़ रहा है। आलम यह है कि 22 तारीख गुजरने के बाद भी शहर के ज्यादातर क्षेत्रों में राशन नहीं बंटवाया जा सका है। ऐसे में आम शहरी के माथे पर बल आगामी त्योहारों की सोच कर पड़ रहे हैं। लग रहा है कि इस बार त्योहारों पर फांके पड़ने वाले हैं। शहरी व नगरीय क्षेत्र के 150 राशन डीलरों पर खाद्यान्न घोटाले में एफआईआर हो चुकी है, इसलिए इनसे राशन वितरण का अधिकार लेते हुए इन्हें निरस्त कर दिया गया है।

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राशन की दुकानें अक्सर बंद रहती हैं और नई दुकानों का पता मालूम नहीं है। क्षेत्र की ज्यादातर आबादी गरीब है, ऐसे में राशन न मिलने से लोगों के सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो रहा है। जैदी सोसाइटी, करीम नगर, रामबाग, भगवान नगर आदि क्षेत्रों में लोग राशन के लिए भटक रहे हैं।

अब्दुल गफ्फार, वार्ड 73 के पार्षद

राशन नहीं मिल रहा है। सरकारी दुकान पर ताला पड़ा रहता है, मोबाइल नंबर लिखा है सो लोग राशन की जानकारी के लिए फोन करते हैं किंतु हमारे पास कोई जबाव नहीं होता। त्योहार से पहले राशन नहीं मिला तो पूर्ति विभाग को घेरा जाएगा। नूरनगर, लिसाड़ी, जैनपुर आदि क्षेत्रों में राशन का संकट है।

धर्मवीर सिंह, वार्ड 8 के पार्षद

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मेरठ में 150 राशन की दुकानों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे वैकल्पिक व्यवस्था बहाल कर समय से राशन आवंटन सुनिश्चित कराएं, यदि राशन वितरण में समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा।

-सत्यदेव, संयुक्त आयुक्त, खाद्य और रसद, मेरठ मंडल

Posted By: Inextlive