-नौकरी का झांसा देकर दो हजार युवाओं से की गई ठगी

-पुलिस ने गैंग के मास्टर मांइड सहित 13 युवक गिरफ्तार

आगरा। पुलिस की सख्ती से चंबल के बीहड़ से शहर में शिफ्ट हुए गैंग ने बरोजगार युवाओं से करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया। सदर क्षेत्र के एक मकान में कॉल सेंटर बनाकर युवाओं से नौकरी के नाम पर ठगी कर रहे गिरोह के सरगना सचिन परिहार समेत 13 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये अब तक दो हजार युवाओं से एक करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं। पुलिस शातिरों के फरार साथियों की तलाश कर रही है। पकड़े गए सभी युवा प्रोफसनल कोर्स कर चुके हैं। जबकि कुछ फार्स की तैयारी कर रहे हैं।

अन्य जिलों से शहर में सक्रिय हेलो गैंग

चंबल के बीहड़ के 22 गांवों में हेलो गैंग सक्रिय है। झारखंड के जामताड़ा जिले की तर्ज पर बन रहे साइबर अपराध के गढ़ से पुलिस की सख्ती के बाद गिरोह बाहर भागने लगे हैं। पिछले दिनों रेंज साइबर सेल की टीम ने दो गिरोह दबोचे थे। इनमें से एक गिरोह सदर के उखर्रा में किराए पर मकान लेकर फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। पुलिस ने बुधवार रात को यहां दबिश दी। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सरगना सचिन पूर्व में आगरा के ही एक कॉल सेंटर में नौकरी कर चुका है। पिनाहट के रामबृज के साथ मिलकर अब वह ठगी का गिरोह चला रहा था। इसमें उसने पढ़े लिखे लड़कों को भी जोड़ लिया।

सोशल साइट पर देते थे नौकरी का विज्ञान

एसएसपी ने बताया कि गैंग केवल गुजरात और महाराष्ट्र में ठगी कर रहा था। समाचार पत्र या सोशल साइट पर विज्ञापन देते थे। कॉल आने पर युवाओं को जाल में फंसा लेते थे। एडकॉम कंपनी के मोबाइल से वे वॉयस बदलकर लड़की बनकर बात कर लेते थे। नौकरी का झांसा देकर उनसे पंजीकरण के नाम पर तीन हजार से छह हजार रुपये तक जमा करा लेते थे। अब तक दो हजार युवाओं से करीब एक करोड़ से अधिक जमा करा चुके थे। शातिर दोस्ती का विज्ञापन देकर भी लोगों से खातों में रकम जमा करा लेता था। इसके बाद उन्हें खातों से निकाल लेते थे। गुजरात और महाराष्ट्र के लोग यहां आकर कोई शिकायत नहीं करते थे। अब पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य जुटाकर गैंग को दबोचा है। गिरफ्तार करने वाली टीम में इंस्पेक्टर सदर कमलेश सिंह, इंस्पेक्टर अशोक कुमार, साइबर सेल प्रभारी अमित कुमार, एसआइ सुखवीर सिंह, कांस्टेबल विजय, इंतजार, जितेंद्र, बबलू शामिल रहे।

इंजीनियर और आरपीएफ में भर्ती भी अरेस्ट

भरतपुर के चैंकोरा निवासी रवि कंप्यूटर साइंस से बीटेक कर चुका है। कुछ दिन तक उसने दिल्ली में नौकरी भी की। गिरोह के साथ वह भी गिरफ्तार हुआ है। इसके साथ ही रिगफ्तार अतुल आरपीएफ में भर्ती हो चुका है। एक माह बाद उसे ज्वाइन करना था। यह इस गिरोह में शामिल होने के साथ ही पूर्व में दूसरे अभ्यर्थियों की जगह नौकरी को दौड़ लगा चुका है।

खाता धारक को मिलते थे रुपए

शातिरों के गिरोह में सबका काम बंटा था। सौरभ ने लोगों से किराए पर खाते ले रखे थे। एक खाताधारक को एक माह में 15 से 20 हजार रुपये किराया दिया जाता था। उससे पासबुक और मोबाइल की सिम ले ली जाती थी।

पकड़े गए आरोपित युवक

पिनाहट निवासी सचिन परिहार, मनीष ओझा, विपिन कुमार, रंजीत वर्मा, फीरोजाबाद के लालऊ निवासी अतुल राठौर, बाह के खेड़ा राठौर निवासी दिव्यांशु राठौर, जगदीशपुरा के रोडवेज कॉलोनी निवासी शाहरुख, शमसाबाद के लोहारी निवासी प्रशांत गहलौत, शाहगंज के भोगीपुरा निवासी अनिल कुमार, अलीगढ़ के हरनौट निवासी युवराज कुमार, किरावली निवासी मनोज सोलंकी, भरतपुर के चैंकोरा निवासी रवि, फीरोजाबाद के गुनाऊ निवासी विनय कुमार वर्मा।

पुलिस ने किया माल बरामद

28 मोबाइल फोन (आठ एडकॉम कंपनी के हैं), दो लैपटॉप, सात एटीएम कार्ड, चार आधार कार्ड, दो वोटर आइडी कार्ड, दो पैन कार्ड।

Posted By: Inextlive